CM रेखा गुप्ता की सख्ती के बाद निगम की बड़ी कार्रवाई, शहर से हटाई 16 हजार अवैध होर्डिंग्स
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सख्ती के बाद दिल्ली नगर निगम ने अवैध होर्डिंग्स और पोस्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पिछले दो महीनों में 16 हजार से अधिक होर्डिंग्स और एक लाख से अधिक पोस्टर हटाए गए। निगम को अवैध होर्डिंग्स से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। निगम ने यह सुनिश्चित किया है कि क्षेत्रीय अधिकारी नियमित निरीक्षण करें।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। शहर को गंदा करने के साथ निगम के राजस्व को चूना लगा रहे अवैध होर्डिंग्स और पोस्टर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सख्ती के बाद निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। पिछले दो माह में एमसीडी ने 16 हजार से अधिक होर्डिंग्स हटाने के साथ एक लाख से अधिक पोस्टर हटाए हैं।
पहले यह कार्रवाई दिल्ली में चुनाव की आचार संहिता के दौरान होती थी। निगम ने कार्रवाई के साथ यह सुनिश्चित किया है कि क्षेत्रीय उपायुक्त अपने-अपने इलाके का प्रतिदिन जमीनी निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि शहर को गंदा करने के साथ निगम की अधिकृत विज्ञापन साइट का उपयोग न करके दीवारों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग्स और पोस्टर न हो।
निगम के अनुसार 1,00,370 पोस्टर मई और जून में हटाए हैं। इसी तरह उपरोक्त समय-सीमा में 39,075 बैनर और 16,642 होर्डिंग्स हटाए हैं। बता दें कि एमसीडी 14 हजार करोड़ के घाटे में चल रहा है। ऐसे में निगम का नेतृत्व चाहता है कि राजस्व के स्रोत को मजबूत किया जाए लेकिन विज्ञापन और पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं विभाग (डेम्स) की लापरवाही के चलते निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था।
यही वजह है कि दिल्ली में अवैध होर्डिंग्स पोस्टर आसानी से दिख जाते हैं लेकिन दिल्ली में सरकार के परिवर्तन के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने सख्ती की तो निगम शहर को गंदा करने वालों पर कार्रवाई के लिए मजबूर हुआ।
करोड़ों रुपये का राजस्व का होता है निगम को नुकसान
अधिकृत साइटों पर भी ही आउटडोर विज्ञापन होने चाहिए, लेकिन दिल्ली के रिहायशी इलाकों से लेकर व्यावसायिक क्षेत्रों में अवैध होर्डिंग्स, वाल रैप की भरमार है। अवैध होर्डिंग्स पोस्टर आसानी से लग जाने से भी अधिकृत साइट पर विज्ञापन उतने नहीं आते । इससे निगम को राजस्व नुकसान होता है जिसकी मात्रा करोड़ों रुपये हो सकती है।
मेट्रो से सिर्फ मिले सात करोड़ रुपये
नगर निगम की मेट्रो की संपत्ति पर लगाए गए विज्ञापनों से होने वाले राजस्व में 35 प्रतिशत की भागीदारी है। निगम को मेट्रो से आउटडोर एडवरटाइजिंग से मात्र 7.15 करोड़ रुपये का राजस्व वित्त वर्ष 2024-25 में हुआ है। इस पर पीतमपुरा से पार्षद अमित नागपाल ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि मेट्रो के पास प्राइम लोकेशन हैं और वहां पर विज्ञापन ज्यादा आते हैं। ऐसे में मेट्रो से 35 प्रतिशत राजस्व में भागीदारी कम है। साथ ही जो राजस्व आ रहा है वह भी बहुत कम है। इसमें राजस्व बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए विज्ञापन विभाग को इस पर गंभीरता से कार्य करना चाहिए।
किस जोन में कितनी कार्रवाई
जोन- अवैध पोस्टर हटाए- बैनर हटाए- होर्डिंग्स हटाई
- दक्षिण-13794-331-896
- शाहदरा नार्थ-0-4852-6643
- केशवपुरम-2796-846-1078
- सिविल लाइंस-5282-298-13
- पश्चिमी-41258-2812-4733
- सिटी एसपी जोन-3479-97-21
- करोल बाग-14922-3209-140
- नरेला -7223-1756-353
- मध्य-159-42-95
- रोहिणी-1156-23333-1580
- शाहदरा नार्थ-1668-308-253
- नजफगढ़-8633-1191-837
- कुल-100370-39075-16642
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