Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कश्मीर से दिल्ली 22 घंटे में आ रहा सेब, मंडी पहुंचने में लग रहे 5 घंटे; हाल ही में कार्गो ट्रेन की हुई है शुरुआत

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:18 AM (IST)

    दिल्ली में कश्मीर से कार्गो ट्रेन द्वारा सेब लाने वाले व्यापारी लालफीताशाही और देरी से परेशान हैं। ट्रेन 23-24 घंटे में पहुँच तो जाती है लेकिन स्टेशन से मंडी तक सेब पहुँचने में अधिक समय लग रहा है। व्यापारी चाबी मिलने में देरी और कागजी कार्यवाही में लगने वाले समय से चिंतित हैं और प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग कर रहे हैं।

    Hero Image
    बड़गाम से दिल्ली पहुंचने में 22 घंटे का लग रहा समय।

    धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। अच्छी योजनाएं भी अक्सर लालफीताशाही जनित औपचारिकताओं में उलझ कर लोगों को राहत के बजाय परेशानीदायक बन जाती हैं। पहली बार कश्मीर से दिल्ली की आजादपुर मंडी तक शुरू की गई विशेष कार्गो पार्सल ट्रेन से सेब मंगवाने वाले फल व्यापारियों काे भी कुछ ऐसा ही अनुभव हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बड़गाम से कश्मीरी सेब लेकर दिल्ली के आदर्श नगर रेलवे स्टेशन तक की 793 किलोमीटर की दूरी महज 23-24 घंटे में नापने वाली कार्गो पार्सल ट्रेन से फल व्यापारी खुश हैं, लेकिन आदर्श नगर रेलवे स्टेशन और आजादपुर मंडी के बीच की 500 मीटर के फासले में 4-5 घंटे खप जाने से सेब व्यापारी परेशान हैं।

    बुधवार को सुबह छह बजे पार्सल ट्रेन आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई, इसके बावजूद सेब को मंडी तक पहुंचते-पहुंचते 11 बज गए। लगातार दूसरे दिन भी बोगियों की चाबी न मिलने से लेकर जांच व कागजी औपचारिकताओं में तीन से चार घंटे लगे और व्यापारियों को डिलीवरी में देरी हुई।

    बड़गाम से आठ बोगियों में सेब लेकर कार्गो पार्सल ट्रेन बुधवार सुबह लगभग सवा छह बजे आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पहुंची। कल की तरह आज भी बोगी की चाबी को लेकर लेकर व्यापारी व उनके स्टाफ को मशक्कत करनी पड़ी। पहले बताया गया कि चाबी मंगवाई जा रही हैं, लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ताले तोड़कर बोगियों से सेब निकाले।

    इसके बाद जांच और कागजी कार्यवाही पूरी हुई और नौ बजे के बाद ही सेब बोगी से निकालकर टेंपो-ट्रक में लोडिंग का काम शुरू हो पाया। सेब व्यापारी विजय टालरा ने बताया कि ट्रेन बेशक सुबह छह बजे यहां पहुंच गई, लेकिन आजादपुर मंडी में उनके ठिकाने पर सेब की डिलीवरी 11 बजे हो पाई।

    बोगी खोलने से लेकर जांच व कागजी में ही कई घंटे बर्बाद हो गए। अगर इतना समय लगेगा तो फिर पार्सल ट्रेन का क्या ही लाभ होगा। इस प्रक्रिया को सरल और न्यूनतम समय में पूरा किया जाना चाहिए।

    सिर्फ ट्रेन से ही पूरी नहीं हो सकती है दिल्ली में सेब की खपत

    दिल्ली-एनसीआर की सबसे बड़ी आजादपुर फल-सब्जी मंडी में प्रतिदिन तीन से लेकर साढ़े तीन हजार टन सेब की प्रतिदिन की मांग है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से सामान्यत: हर रोज लगभग तीन सौ ट्रक सेब लेकर आजादपुर मंडी पहुंचते हैं।

    एक ट्रक में औसतन 10 से लेकर 14 टन सेब लाने की क्षमता है। पार्सल ट्रेन में पहले दिन सात बोगी में 161 टन व दूसरे दिन आठ बोगी में 184 टन सेब बड़गाम से दिल्ली पहुंच पाया है। जाहिर है कि इतनी भारी मांग की आपूर्ति केवल ट्रेन से संभव नहीं है। ट्रेन और बोगियां बढ़ाने के बावजूद इतनी बड़ी मांग की पूर्ति मुश्किल कार्य है।

    केवल ट्रेन के माध्यम से मांग सेब की आपूर्ति संभव कार्य नहीं है, इस कार्य में ट्रकों की आवश्यकता तो रहेगी ही। ट्रकों के साथ-साथ ट्रेन से भी सेब की आपूर्ति की सुविधा जारी रहनी चाहिए। सरकार को ट्रेन के फेरे और बोगियों की बढ़ानी चाहिए। इसके अलावा सेब लाने वाले ट्रकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। नेशनल परमिट वाले ट्रकों का टैक्स माफ किया जाना चाहिए। - मीठाराम कृपालानी, अध्यक्ष, कश्मीर एपल मर्चेंट एसोसिएशन

    मंडी सुबह छह बजे शुरू हो जाती है। सरकार को ऐसी व्यवस्था करे, जिससे सेब हर हाल में सुबह छह बजे मंडी में बिक्री के लिए पहुंच जाए। इसके लिए पार्सल ट्रेन का सुबह चार बजे आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचना जरूरी है। रेलवे अपनी जांच व औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी करे, ताकि छह बजे मंडी में पहुंच सके। दिल्ली के बाहर छोटे व्यापारी फल-सब्जियों लेकर 10-11 बजे तक अपने गंतव्य के लिए चले जाते हैं। - अनिल द्विवेदी, सेब व्यापारी

    रेलवे विभाग को इस कार्य के लिए प्रशिक्षित विशेष टीम को आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पर नियुक्त किया जाना चाहिए। पार्सल ट्रेन के पहुंचने के समय टीम रेलवे स्टेशन पर तैनात रहे। अभी तक कोई पुख्ता व्यवस्था न होने की वजह से प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है। 11 बजे तक सेब मंडी में पहुंचता है, तब तक मंडी की व्यवसायिक गतिविधियां लगभग खत्म हो चुकी होती हैं। ऐसे में अगले दिन ही बिक्री करनी पड़ती है। - विजय टालरा, सेब व्यापारी

    कश्मीर में रास्ते बंद हैं। आपूर्ति ठप होने के कारण वहां सेब सड़ रहा है। इन हालात में पार्सल ट्रेन सेब उत्पादक किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। इस ट्रेन की टाइमिंग व्यापारियों के लिहाज से सही नहीं है। यह ट्रेन सुबह चार बजे तक पहुंचे या फिर इसका पहुंच का समय शाम पांच बजे किया जाना चाहिए। अगर 11 बजे मंडी में सेब पहुंचेगा तो उसी दिन बिक्री संभव नहीं है। अगले दिन ही बिक्री हो पाएगी। - महेंद्र सनपाल, सदस्य, दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड