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    Delhi Weather: दिल्ली-NCR में नए साल के पहले दिन कैसा रहेगा मौसम? पड़ेगी कड़ाके की ठंड या मिलेगी राहत, यहां जानिए

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 07:07 AM (IST)

    Delhi Weather News स्काईमेट वेदर के अनुसार पांच या छह जनवरी को हल्की वर्षा भी हो सकती है। इससे एक बार फिर ठंड बढ़ जाएगी। नए साल के पहले दिन दिल्ली-NCR में मौसम कैसा रहेगा? क्या कड़ाके की ठंड पड़ेगी या मिलेगी राहत? जानिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान। तापमान में गिरावट हल्की वर्षा की संभावना कोहरे और धुंध का असर।

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    दिल्ली-एनसीआर को नए साल के पहले दिन ठंड से मिलेगी राहत।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Cold Wave: 2024 की विदाई भले ही कड़ाके की ठंड में हुई हो, लेकिन नए साल की शुरुआत अपेक्षाकृत राहत भरी हो सकती है। जनवरी के पहले तीन दिन तापमान थोड़ा ज्यादा ही रहेगा और कोल्ड डे वाले हालात भी नहीं बनेंगे।

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    अलबत्ता, चार तारीख से दोबारा से तापमान में गिरावट होने लगेगी। स्काईमेट वेदर के अनुसार, पांच या छह तारीख को हल्की वर्षा भी हो सकती है। इससे एक बार फिर ठंड बढ़ जाएगी।

    आज कैसा रह सकता है मौसम

    मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को सुबह और रात के समय स्मॉग एवं मध्यम से घना कोहरा रहने की संभावना है। हालांकि आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 17 डिग्री जबकि न्यूनतम आठ डिग्री रह सकता है।

    कल दिनभर रही थी ठिठुरन

    इस बीच मंगलवार को भी दिल्ली में ठिठुरन भरी ठंड बनी रही। दिन में हल्की धूप भी निकली, लेकिन उससे गलन ज्यादा कम नहीं हुई। दिल्ली के कुछ इलाकों में कोल्ड डे वाली स्थिति भी देखने को मिली। इन इलाकों में पालम, नजफगढ़, नरेला और पूसा के नाम उल्लेखनीय हैं। कोहरे के कारण सुबह दृश्यता का स्तर भी थोड़ा बहुत प्रभावित हुआ।

    कितना दर्ज किया गया तापमान

    मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.0 डिग्री कम 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.0 डिग्री ज्यादा 9.6 डिग्री रहा। हवा में नमी का स्तर 95 से 61 प्रतिशत रिकार्ड किया गया। सफदरजंग पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता का स्तर केवल 1000 मीटर तक दर्ज किया गया।

    घरों-फैक्ट्रियों का 72 प्रतिशत गंदा पानी नदियों-झीलों में जा रहा, या फिर भूजल को दूषित कर रहा

    घरों, फैक्ट्रियों व व्यावसायिक संस्थानों से निकलने वाला 72 प्रतिशत गंदा पानी नदियों और झीलों में जा रहा है। या फिर भूजल को दूषित कर रहा है। देश में हर जगह निकलने वाले गंदे पानी का सिर्फ 22 प्रतिशत हिस्सा ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित हो पाता है।

    सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनसीजीएम) द्वारा जारी ''वेस्ट टू वर्थ'' रिपोर्ट में गंदे पानी को उपचारित नहीं किए जाने एवं फिर से इस्तेमाल में नहीं लाए जाने की जानकारी भी दी गई है। रिपोर्ट कहती है कि अगर गंदे पानी को उपचारित किया जाए और उसे फिर से इस्तेमाल में लाया जाए तो शहरों का जल संकट भी काफी हद तक कम हो सकता है।