Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर, फिर लगीं ग्रेप एक की पाबंदियां
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण ग्रेप एक की पाबंदियां फिर से लागू कर दी गई हैं। भीषण गर्मी के बाद हुई हल्की बारिश से लोगों को राहत मिली लेकिन प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। राजधानी में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। 14 दिन तक मध्यम श्रेणी में रहने के बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली की हवा एक बार फिर हवा खराब हो गई। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी यह इसी श्रेणी में बनी रही। इसी के चलते ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के पहले चरण की पाबंदियां भी लागू कर दी गईं।
एक मई को ही हवा के स्तर में सुधार आने के बाद सभी पाबंदियां हटा दी गई थीं लेकिन वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को ग्रेप के पहले चरण के प्रतिबंध पुन: लागू करने का फैसला किया है।
दिल्ली का एक्यूआई 200 से नीचे यानी मध्यम श्रेणी में रहा
इसके तहत अपनी समयावधि पूरी कर चुके पेट्रोल और डीजल के वाहनों पर रोक रहेगी। कचरा जलाने पर भी रोक रहेगी। साथ ही रेस्टोरेंट और होटलों में कोयला और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार एक मई से 14 मई तक दिल्ली का एक्यूआई 200 से नीचे यानी मध्यम श्रेणी में रहा।
समिति ने ग्रेप एक की पाबंदियां लगाने का फैसला कर लिया
बृहस्पतिवार को चली धूल भरी आंधी के चलते यह 292 पहुंच गया, जोकि खराब श्रेणी में आता है। सीएक्यूएम की ग्रेप उप समिति ने इसे संदर्भ में बृहस्पतिवार को बैठक भी की लेकिन ग्रेप एक के प्रतिबंध लगाने से पहले एक दिन का इंतजार किया। शायद सुधार हो ही जाए। लेकिन जब शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी एक्यूआई 278 यानी खराब श्रेणी में ही रहा तो समिति ने ग्रेप एक की पाबंदियां लगाने का फैसला कर लिया।
एनसीआर के शहरों में भी शुक्रवार को एक्यूआइ मध्यम से खराब श्रेणी में रहा। अभी अगले कई दिन इसमें बहुत बदलाव होने के कोई आसार नहीं हैं।
GRAP-1 के तहत इन चीजों पर रहेगी रोक:
- सड़क किनारे भोजनालयों, होटलों और रेस्तरां में कोयले के इस्तेमाल पर रोक।
- खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध।
- उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम।
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