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    Deepawali 2022: दीपावाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में लागू हो सकता ग्रेप का दूसरा चरण

    By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Wed, 19 Oct 2022 12:45 AM (IST)

    Deepawali 2022 जानकारों का कहना है कि अगर समय रहते सही उपाय नहीं किए गए तो दिल्ली में धुआं से हालात बिगड़ सकते हैं। दीपावली के बाद से स्थिति और बिगड़ सकते हैं। ऐसे में कड़े कदम उठाने पड़ेंगे।

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    Deepawali 2022: दीपावली के बाद धुआं से दिल्ली में हालात बिगड़ सकते हैं।

    नई दिल्ली, (संजीव गुप्ता) जागरण ऑनलाइन डेस्क। दीपावाली से पूर्व ही इस बार दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का दूसरा चरण लागू हो सकता है। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव और अगले कुछ दिनों में हवा के अधिक खराब हो जाने की आशंका के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने गुरुवार को ग्रेप की उप समिति की बैठक बुला ली है। इसमें एहतियात के तौर पर कुछ और प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिए जाने के आसार हैं।

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    इमरजेंसी सेवा को छोड़ सभी जगह डीजल जेनरेटरों पर रोक

    ग्रेप के दूसरे चरण में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ कर सभी जगह डीजल जेनरेटरों पर रोक लग जाएगी। होटल, रेस्तरां, ढाबों, भोजनालयों में कोयले, लकड़ी और तंदूर का इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा। उप समिति के एक सदस्य ने इस आशय की पुष्टि भी की है।

    मौसम की मेहरबानी से अक्टूबर के पहले दो सप्ताह तक प्रदूषण नियंत्रण में रहा। देर तक सक्रिय रहे मानसून की वजह से धूल प्रदूषण नियंत्रित रहने के साथ ही पराली भी अपेक्षाकृत कम ही जलाई गई। लेकिन, मानसून के विदा होते ही पराली जलाने की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है। हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी हो गई है।

    इससे पहाड़ों की ठंडक के साथ ही पराली का धुआं कुछ दिनों में दिल्ली पहुंचने लगेगा। हवा की रफ्तार चार से आठ किमी प्रति घंटा यानी कम रहेगी। दीवाली पर अगर थोड़े बहुत भी पटाखे जले, तो हवा की गुणवत्ता और अधिक खराब होगी। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अली वार्निंग सिस्टम ने छह दिनों में वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच जाने का अनुमान दिया है।

    दीपवाली के बाद गंभीर हो सकती है स्थिति

    एयर इंडेक्स 300 से ऊपर चला जाएगा। यह भी कहा गया है कि अगर समय रहते यथोचित कदम नहीं उठाए गए तो अबकी बार भी दिल्ली एनसीआर का एयर इंडेक्स दीवाली के बाद 400 पार यानी गंभीर श्रेणी तक पहुंच सकता है। सीएसई की नवीनतम रिपोर्ट ने दिए साफ संकेत : सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की नवीनतम रिपोर्ट बुधवार को जारी होने की उम्मीद है। इसमें भी दीपावाली से दिल्ली एनसीआर की हवा बहुत खराब होने और स्माग छाने की आशंका जताई गई है।

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    पराली जलाने से भी बिगड़ रहे हालात

    सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर और नवंबर के आसपास प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। इस बार वर्षा अधिक दिनों तक होने के कारण अभी ज्यादा पराली नहीं जलाई गई है, लेकिन अब धीरे-धीरे पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि अगले कुछ ही दिनों में एक साथ बड़े स्तर पर पराली जलाई जाए।

    ऐसे में दीवाली से प्रदूषण का स्तर जो बढ़ना शुरू होगा। वह नवंबर के पहले सप्ताह में गंभीर श्रेणी तक पहुंच जाएगा। डा. डी साहा, पूर्व अपर निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और महेश पलावत, उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) ने बताया कि अगले आठ दस दिनों तक दिल्ली-एनसीआर के मौसम में वर्षा या मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के कोई संकेत नहीं हैं, तापमान गिरेगा।

    धीरे-धीरे सुबह के समय धुंध भी शुरू होने को है। हवा उत्तर-पश्चिमी चलेगी। इससे प्रदूषण में वृद्धि होगी। स्काईमेट वेदर बिना बरसात और तेज हवा के दिल्ली-एनसीआर की दीवाली प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकती। बदलती मौसमी परिस्थितियों में पराली का धुआं भी अब बढ़ेगा। इसलिए इस बार भी दीवाली पर सांस लेने में दिक्कत होना स्वाभाविक है।

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