दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों के खिलाफ एक्शन की तैयारी, डिफॉल्टर की लिस्ट तैयार; आपके पास बचे हैं सिर्फ 4 दिन
दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों के खिलाफ एक्शन की तैयारी की गई है। दिल्ली नगर निगम उन बकायेदारों की लिस्ट तैयार करने में जुट गया है जिनका प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। 31 मार्च तक बकाया संपत्तिकर न जमा कराने पर डिफॉल्टरों पर कार्रवाई होगी। नगर निगम ने प्रत्येक जोन ने 10-10 प्रमुख बकायेदारों को चिह्नित किया है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल...
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संपत्तिकर से राजस्व बढ़ाने के लिए दिल्ली नगर निगम उन बकायेदारों की सूची तैयार कर रहा जो कई नोटिसों के बाद भी संपत्ति कर जमा नहीं कर रहे हैं। 31 मार्च तक निगम ऐसे बकायेदारों के संपत्तिकर जमा करने का इंतजार करेगा। इसके बाद एक अप्रैल से निगम संपत्तियों की सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
निगम के क्षेत्रीय कार्यालय अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे 10 प्रमुख बकायेदारों की सूची तैयार करके कार्रवाई की तैयारी में है। जिन्होंने कई नोटिस के बाद भी बकाया जमा नहीं किया। सिटी एसपी जोन की संयुक्त कर निर्धारक एवं समहर्ता शिप्रा ने बताया कि जोन में ऐसी संपत्तियों को चिह्नित कर लिया है। जिन पर लाखों रुपये का बकाया है। अब हम कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।
कई संपत्तियों पर लाखों रुपये का बकाया
वहीं, निगम के दक्षिणी जोन के संयुक्त कर निर्धारक एवं समहर्ता नवीन कुमार ने बताया कि जोन ने ऐसे संपत्ति के मालिक की पहचान कर उसे सूचीबद्ध कर लिया है, जिन पर बकाया है। हम जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। क्योंकि कई नोटिस दे दिए हैं फिर भी संपत्तिकर जमा नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यूपिक संख्या 174345610031800 पर 36 लाख और ऐसी अन्य कई संपत्तियों पर लाखों रुपये का बकाया है। उल्लेखनीय है कि निगम ने अपने सभी कार्यालय 31 मार्च तक सभी दिन खोलने का निर्णय पहले ही ले लिया है। नागरिक या तो आनलाइन संपत्तिकर जमा करा सकते हैं या फिर निगम के क्षेत्रीय कार्यालयों में जाकर भी बकाया व चालू वित्त वर्ष का संपत्तिकर जमा करा सकते हैं। समाप्त, निहाल सिंह
बजट में एमसीडी को हुआ फायदा, मिले 2,114 करोड़ ज्यादा
केंद्र और दिल्ली में भाजपा सरकार होने दिल्ली नगर निगम को लाभ हुआ है। भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार ने एमसीडी को 2,114 करोड़ रुपये का फंड पिछली सरकार के आवंटन से ज्यादा दिया है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और सफाई कार्यों के लिए भी पहले ज्यादा फंड मिला है।
पूर्व की आप सरकार ने एमसीडी को वर्ष 2024-25 में 8,423 करोड़ का आवंटन किया था, जबकि भाजपा सरकार ने 10,537 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इतना ही नहीं सीएम ने अपने बजट भाषण में आश्वस्त किया है जितना फंड निगम का बनता है उतना फंड निगम को दिया जाएगा। पार्षदों को विकास निधि के लिए फंड मिले इसकी व्यवस्था भाजपा की सरकार कर रही है।
भाजपा की सरकार में कितना बढ़ा बजट?
अतिरिक्त आवंटन से दैनिक जागरण की उस खबर पर भी मुहर लग गई है जिसमें 10 हजार करोड़ तक के आवंटन की खबर सोमवार के संस्कर में प्रकाशित की थी। दिल्ली सरकार ने 2024-25 के बजट में निगम के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मद में 3,153 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जबकि भाजपा की सरकार ने इसमें 12.5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसमें 3560 करोड़ का आवंटन किया है।
बैसिक टैक्स असाइनमेंट (बीटीए) में भी 13 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी दिल्ली सरकार ने की है। आप सरकार ने 2,955 करोड़ रुपये का आवंटन किया था जबकि भाजपा सरकार ने 3,337 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। पार्किंग और स्टांप की ट्रांसफर ड्यूटी पर आप सरकार ने 2315 करोड़ का आवंटन किया था जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 3,640 करोड़ तक कर दिया है।
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