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    SDMC को मिली बड़ी कामयाबी: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में विश्‍व में मिली 52वीं रैंक

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    Updated: Fri, 02 Nov 2018 02:39 PM (IST)

    दिल्ली के तीनों निगमों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। पिछले वर्ष के 181वें स्थान से दिल्ली के निगम विश्व में 52वें पायदान पर पहुं ...और पढ़ें

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    SDMC को मिली बड़ी कामयाबी: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में विश्‍व में मिली 52वीं रैंक

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। स्वच्छता रैकिंग में सुधार के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली के तीनों निगमों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। पिछले वर्ष के 181वें स्थान से दिल्ली के निगम विश्व में 52वें पायदान पर पहुंच गया है।

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    लक्ष्‍य शीर्ष 10 में शामिल होना है
    हालांकि, यह रैकिंग दिल्ली के तीनों नगर निगमों की है, लेकिन दक्षिणी निगम के लिए बड़ी बात इसलिए है, क्योंकि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए दक्षिणी निगम नोडल एजेंसी है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त डॉ. पुनीत कुमार गोयल ने बताया कि उनका लक्ष्य शीर्ष 10 में शामिल होना है।

    200 मानदंडों पर होती है परीक्षा
    गोयल ने बताया कि विश्व बैंक 200 निर्धारित मानदंडों, नगर निगम के भवन विभागों व बार-बार निरीक्षण करता है। इसके अलावा आवेदकों और संबंधित पक्षों से कई बार बारीकी से प्रतिक्रिया लेने के बाद ही रैंकिंग तय की जाती है। इसमें दिल्ली नगर निगमों ने कड़ी मेहनत के बाद उल्लेखनीय सुधार किया है।

    सरल हुई प्रक्रिया
    इसमें प्रक्रियाओं की संख्या में कमी आई, आवेदन पत्र को सरल बनाकर एक ऑनलाइन कॉमन एप्लीकेशन फार्म बनाया गया, आवश्यक दस्तावेजों की संख्या को कम किया गया। निगम के भवन विभागों के अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ व्यक्तिगत संपर्क की आवश्यकता नहीं रही और अलग अलग 12 विभागों और एजेंसियों में चक्कर लगाने की भी अब जरूरत नहीं है।

    कम हुई लोगों की परेशानी
    आयुक्त ने बताया कि इससे निगम के कार्यालयों में लोगों का चक्कर लगाना कम हुआ है। इतना हीं नहीं निर्माण परमिट प्राप्त करने के खर्च में कमी आई। आवेदक स्वयं ऑनलाइन अपने आवेदन की स्थिति देखने लगे और स्वीकृति की प्रति ऑनलाइन डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान की गई।

    मुंबई से बेहतर दिल्‍ली
    उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2016 में दिल्ली और मुबंई में ऑनलाइन बिल्डिंग परमिशन सिस्टम लागू किया गया था। इससे अप्रैल 2016 से अब तक दिल्ली ने 100 फीसद की संपूर्णता और कार्य निष्पादन में 77.37 फीसद हासिल किया, जबकि मुंबई ने 69.79 फीसद प्राप्त किया था।