Delhi MCD Budget 2023: एमसीडी का बजट संकट टला, आज होगी दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक
Delhi MCD Budget 2023 निगम ने बैठक का एजेंडा भी जारी कर दिया है। इसमें पहली बैठक की मिनट्स आफ मीटिंग को मंजूर करना और बजट 2022-23 संशोधित अनुमान और 2023-24 के बजट अनुमान को पारित करना है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का बजट संकट टल गया है। दिल्ली सरकार ने निगम को सदन की बजट बैठक बुलाने की अनुमति दे दी है। इसके बाद निगम ने भी 28 मार्च को बजट बैठक बुलाने का नोटिस जारी कर दिया है। इसमें नेता सदन से नेता प्रतिपक्ष बजट पर चर्चा करेंगे। हालांकि सदन के पास फिलहाल शेड्यूल आफ टैक्स (टैक्स की दरें) बदलने का अधिकार नहीं हैं, लेकिन बजट की मदों में बदलाव जरूर कर सदन कर सकता है।
वहीं, शेड्यूल आफ पोस्ट (विभागों में पदों का सृजन या खत्म) करने की घोषणा की जा सकती है। सदन के पास यही अधिकार बचा है। दिल्ली नगर निगम की सदन की पहली बैठक ही पूरी नहीं हुई थी। स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है। अब 24 अप्रैल को सुनवाई होनी है। ऐसे में नए सिरे से बैठक बुलाने को लेकर निगम आशंकित था।
यही वजह है कि निगम ने दिल्ली सरकार से इस संबंध में मंजूरी लेकर सदन की बैठक अब 28 मार्च को बुलाई है। इसमें केवल बजट पर चर्चा होनी है। निगम ने बैठक का एजेंडा भी जारी कर दिया है। इसमें पहली बैठक की मिनट्स आफ मीटिंग को मंजूर करना और बजट 2022-23 संशोधित अनुमान और 2023-24 के बजट अनुमान को पारित करना है। चूंकि निगम चुनाव चार दिसंबर 2022 को हुए थे और नतीजे सात दिसंबर को आए थे। नियमानुसार बजट की प्रक्रिया 10 से पहले शुरू करनी पड़ती है।
सात दिसंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद निगम सदन का गठन हो नहीं सकता था। इसलिए विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार के समक्ष निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने वर्ष 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान और 2023 -24 के बजट अनुमान प्रस्तुत किए थे। नियमानुसार निगम को 15 फरवरी तक अपनी बजट प्रक्रिया में से टैक्स आफ शेड्यूल को जारी करना होता है। उस समय भी सदन का गठन पूरा न से विशेष अधिकारी ने टैक्स आफ शेड्यूल जारी कर दिए थे। इसमें उन्होंने किसी भी कर में बढोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं किया था। साथ ही निगमायुक्त की ओर से प्रस्तावित पेशेवर कर के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
निगमायुक्त ने अपने वर्ष 2023-24 के लिए 15523.95 करोड़ की आय और 16023.55 व्यय प्रस्तुत किए थे। विशेष अधिकारी ने राष्ट्रपति से सम्मानित सैनिकों, पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिक बलों के पत्नी के नाम की संपत्ति को भी संपत्तिकर मुक्त करने की घोषणा की थी। इसे निगम ने लागू भी कर दिया है।
विपक्ष को संशोधन का समय नहीं दे रहीं महापौर: भाजपा
दिल्ली भाजपा ने महापौर पर निगम सदन को मनमाने तरीके से चलाने का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि निगम बजट में विपक्ष को संशोधन प्रस्ताव लाने का मौका नहीं देना, यह सदन को मनमाने ढंग से चलाने का प्रयास है। कपूर ने कहा कि इस वर्ष चुना हुआ सदन ना होने से लगभग तीन माह का जो नगर निगम का बजट सत्र होता है। वो इस वर्ष नही हो पाया।
निगम अधिकारियों ने ही बजट पारित किया। उसी बीच निगम चुनाव हो गया पर फिर भी महापौर एवं स्थायी समिति चुनाव टलते रहे।उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को डा. शैली महापौर चुनी गईं थीं। महापौर को यह पता था कि बजट पारित किया जाना है, लेकिन फिर भी उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया और अब मनमाने ढंग से पार्षदों को तीन दिन का नोटिस देकर सदन की बैठक बुलाई है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि निगम के बजट सत्र की कार्य प्रणाली दिशा-निर्देशों के अनुसार इस बजट सभा के लिए पूर्व में दो सप्ताह का समय दिया जाता रहा है ताकि निगम आयुक्त द्वारा विभागीय बजट आवंटन प्रस्तावों पर पक्ष एवं विपक्ष दोनों अपने संशोधन ला सकें। खेद पूर्ण है कि महापौर ने पार्षदों को मात्र 72 घंटे के नोटिस पर बजट निर्धारित स्वीकृत करने की बैठक बुला ली।