फैक्ट्री लाइसेंस नीति में दिल्ली नगर निगम ने किए कई सुधार, बचेगा पैसा और नहीं होगी भाग-दौड़
दिल्ली नगर निगम ने फैक्ट्री लाइसेंस नीति में कई सुधार किए हैं जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापार करना आसान हो जाएगा। अब एक ही प्लॉट में एक ही मालिक ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली भाजपा की मांग पर एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार (MCD Commissioner) ने फैक्ट्री लाइसेंस प्रक्रिया में बढ़े सुधारों को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब औद्योगिक क्षेत्रों में एक ही प्लॉट में एक ही मालिक द्वारा अलग-अलग तल पर चलाई जाने वाली अलग-अलग फैक्ट्री के लिए अलग-अलग लाइसेंस की जरुरत नहीं होगी।
इतना ही औद्योगिक क्षेत्रों में किराये पर प्लॉट लेकर फैक्ट्री चालने में लाइसेंस (Factory license procedure) लेने के लिए दिल्ली सरकार से एनओसी नहीं लेनी होगी। निगम के अनुसार, इससे 25 हजार लोगों को सीधा लाभ होगा।
MCD ने जारी किया बयान
एमसीडी ने जारी एक बयान में बताया है कि एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार के निर्देश पर यह सुधारों को लागू कर दिया गया है। फैक्ट्री परिसर की विभिन्न मंजिलों पर उत्पादन करने वाले फैक्ट्री मालिकों को बड़ी राहत देते हुए फ्लोर-अनुसार फैक्ट्री लाइसेंस की आवश्यकता वाली नीति को युक्तिसंगत बना दिया है।
अगर एक प्लॉट में एक ही मालिक की हैं चार फैक्ट्री तो...
पहले इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि क्या फैक्ट्री मालिक को प्रत्येक मंजिल के लिए फैक्ट्री लाइसेंस लेना आवश्यक है, जहां उत्पादन गतिविधि की जाती है। निगम के अनुसार अगर, एक प्लॉट का मालिक औद्योगिक इलाके में प्लॉट पर एक जीएसटी नंबर लेकर चार अलग-अलग फैक्ट्री चला रहा है तो उसे अलग-अलग फैक्ट्री लाइसेंस की जरुरत नहीं होगी।
हालांकि अलग-अलग तल पर अलग-अलग फैक्ट्री मालिक होने और अलग-अलग जीएसटी नंबर होने की स्थिति में अलग ही लाइसेंस लेना होगा।
बिना एनओसी के मिलेगा फैक्ट्री लाइसेंस
निगम के अनुसार नरेला, बवाना, बादली आदि में दिए गए औद्योगिक भूखंडों पर किरायेदार और अन्य अनुबंध के आधार से प्लॉट का उपयोग करने वालों को लाइसेंस के लिए दिल्ली सरकार से एनओसी लेनी होती थी। लेकिन अब बिना एनओसी के इन दस्तावेजों के आधार पर निगम फैक्ट्री लाइसेंस जारी कर देगा।
लेकिन होनी चाहिए यह एनओसी
निगम के अनुसार एमसीडी एक्ट के अनुच्छेद 416/417 के तहत किरायेदारों को लाइसेंस दिया जाएगा। बशर्ते वह दिल्ली प्रदूषण एवं नियंत्रण समिति और अग्निशमन विभाग से एनओसी लेकर आए। पहले डीएसआइडीसी की भी अनुमति की जरुरत होती थी। निगम के अनुसार इससे 25 हजार ऐसे लोगों लांभान्वित होंगे जिनकों लाइसेंस नहीं मिल पा रहे थे और बैंकों से व्यापार शुरू करने के लिए ऋण भी नहीं मिल पा रहा था।

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