दिल्ली में इस महीने के अंत तक आएगा मानसून, नालों की सफाई अधूरी; इन जगहों पर मुसीबत बन सकती है बारिश
दिल्ली में मानसून आने से पहले नालों की सफाई का काम अधूरा है। नगर निगम सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग के दावों के बावजूद कई जगहों पर नालों में कचरा ...और पढ़ें

निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में इसी महीने के अंतिम सप्ताह तक मानसून के आगमन का अनुमान है लेकिन उससे पहले नालों की सफाई का काम पूरा नहीं हो पाया है। इसके लिए निर्धारित समयसीमा भी रविवार यानी 15 जून को समाप्त हो रही है।
दैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आया है कि कई जगहों पर नालों की सफाई हुई ही नहीं है। कुछ जगह ठीक से नहीं हुई तो कई जगहों पर अभी नालों के किनारे गाद निकालकर छोड़ दी गई है। विभागीय दावे भी इसकी पुष्टि करते हैं। नगर निगम का दावा है कि उसने अपने नालों की सफाई का काम 80 प्रतिशत पूरा कर लिया है।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक उसके 77 नालों की सफाई का कार्य 90 प्रतिशत हो चुका है। वहीं लोक निर्माण विभाग के नालों की सफाई का कार्य 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। ऐसे में प्री मानसून और मानसून के दौरान वर्षा लोगों के लिए मुसीबत बन सकती है। कई जगहों पर जलभराव भी देखने को मिल सकता है।
दैनिक जागरण की टीम ने दिल्ली के कुछ चुनिंदा स्थानों में नालों की सफाई के कार्य की पड़ताल की है। जहां पर कई जगह सफाई होते हुए कार्य दिखा तो कई जगह पर सफाई दिखी ही नहीं। सर्वाधिक समस्या यह है कि कई नाले रिहायशी इलाकों से गुजरते हैं जो कि वर्षा होने पर ज्यादा पानी आने के बाद ओवरफ्लो हो सकते हैं।
ये जलभराव का कारण भी बन सकते हैं। वहीं, कई स्थानों पर नालों की सफाई करके निकाली गई गाद और मिट्टी सूखने के बाद भी न उठाए जाने की समस्या भी देखने को मिली। पूर्वी दिल्ली में सीलमपुर नाला कचरे से अटा पड़ा मिला। यहां पर प्लास्टिक की थैलियों से लेकर बोतल आदि कचरे की मोटी परत नाले में जमा है।
इसी प्रकार की ब्रह्मपुरी के घनी आबादी वाले क्षेत्र में नालों की सफाई दिखी ही नहीं। न केवल नाले के अंदर कचरे की मोटी परत जमा है बल्कि नाले के आस-पास का इलाका भी कूड़े से अटा पड़ा है। ऐसी ही स्थिति मध्य दिल्ली के कई इलाको में देखने को मिली।
लाल किला के पास मंगी ब्रिज के साथ गुजरने वाला नाला गंदगी से अटा पड़ा है। अभी तक इसकी सफाई नहीं हुई है। दक्षिणी दिल्ली इलाके में ओखला मेट्रो स्टेशन के सामने अबुल फजल एन्क्लेव में गंदगी जमा दिखी। डिफेंस कालोनी नाला एनजीटी के आदेश पर साफ हो रहा है।
जहां बीच-बीच में नाले के ऊपर पड़ी स्लैब को काटकर साफ किया जा रहा है। यहां सफाई कार्य होते हुए तो दिख रहा है लेकिन गाद अभी भी वहां पर पड़ी हुई है।
निगम पूरे साल करता है सफाई
दिल्ली में नगर निगम नालों की सफाई को पूरे वर्ष करता है। इससे निगम ने दो हिस्सों में बांट रखा है। पहला चरण एक जनवरी से 15 जून तक चलता है। दूसरा चरण15 जून से 31 दिसंबर के बीच होता है। पिछले दिनों सीएम की एपेक्स कमेटी में दी गई जानकारी के अनुसार छोटे नालों से निगम 1.11 लाख टन गाद निकाल चुका है जबकि छोटे नालों से 33,467 टन गाद निकल चुकी है।
एजेंसी- नालों का क्षेत्रफल
- पीडब्ल्यूडी-2064.08
- एमसीडी-521.87
- बाढ़ एवं सिंचाई विभाग-426.55
- एनडीएमसी: 335.29
- डीएसआइआइडीसी-98.12
- डीडीए-251.30
- दिल्ली कैंट बोर्ड-39.88
- एनटीपीसी. 3.42
- नगर निगम के कुल नालों की संख्या - 20,159
- इसमें चार फुट से अधिक चौड़ाई या गहराई वाले नालों की संख्या- 721
- चार फुट से कम चौड़ाई या गहराई वाले नालों की संख्या -19,438
नालों की सफाई का काम तेज गति से चल रहा है। बचा हुआ काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। लोगों को मानसून के दौरान दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। -सत्या शर्मा, चेयरमैन, स्थायी समिति, एमसीडी

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