दिल्ली में मानसून में जहां हर साल भरता है पानी, वहां क्यों पहुंची CM रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश वर्मा
दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश वर्मा ने संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जलभराव होने पर वे जिम्मेदार होंगे। नालों की सफाई की रिपोर्ट का थर्ड पार्टी ऑडिट होगा। 194 जलभराव वाले इलाकों को चिन्हित किया गया है जिनमें से कई पर काम पूरा हो चुका है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून के दाैरान शहर में होने वाले जलभराव ने भाजपा सरकार का तनाव बढ़ाया हुआ है। जलभराव रोकने के लिए लगातार हो रहे दौरों के साथ ही शुक्रवार को फिर सरकार सड़क पर उतर गई।
एलजी वीके सक्सेना,सीएम रेखा गुप्ता और पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने जलभराव वाले अतिसंवेदनशील स्थानाें का दौरा किया। सीएम ने चेतावनी दी है कि कहीं भी जलभराव हुआ तो अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
सभी जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति हाेगी। नालाें की सफाई को लेकर आने वाली रिपोर्ट्स का थर्ड पार्टी आडिट होगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही तय की जा सके।
194 जलभराव वाले इलाके किए चिन्हित
सीएम ने कहा कि इस समय दिल्ली में 194 जलभराव वाले इलाकों को चिन्हित किया गया है, जो विभिन्न विभागों जैसे पीडब्लूडी, एनएचएआई, डीएमआरसी, डीडीए, एमसीडी, एनडीएमसी के अधीन आते हैं।
इन 194 चिन्हित क्षेत्रों में से 129 में लघु अवधि के कार्य पहले ही पूर्ण कर लिए गए हैं और शेष बचे हुए क्षेत्रों पर जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
पीडब्लूडी और एनएचएआई विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण करें और समय रहते समाधान सुनिश्चित करें।
इसके साथ ही, पीडब्लूडी को नालों की सफाई के बाद उनकी फोटोग्राफ्स अपलोड करने का आदेश दिया गया है। इसके अतिरिक्त एनडीएमसी के अधीन आने वाले जलभराव क्षेत्रों के समाधान के लिए सरकार एक अलग बैठक आयोजित करेगी।
मिंटो ब्रिज, आईटीओ समेत कई जगह जाकर किया निरीक्षण
दौरे के दाैरान मिंटो ब्रिज, आइटीओ और डब्लूएचओ के पास रिंग रोड का मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर पीडब्लूडी, शहरी विकास विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड , एमसीडी सहित सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
मिंटो ब्रिज के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि इस बार यहां का पंपिंग सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटेड होगा और जलभराव के दौरान 24 घंटे ऑपरेटर ऑन-साइट मौजूद रहेंगे, ताकि किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी भी दिल्ली के बड़े नालों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया, न ही समय पर उनकी गाद और रखरखाव के लिए ठोस कदम उठाए गए।
अब वर्तमान सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है ताकि राजधानी को जलभराव मुक्त और व्यवस्थित बनाया जा सके। कहा कि यह वही स्थान है जहां पहले पूरी की पूरी बसें डूब जाती थीं।
पिछले वर्ष यहां पंप तक पानी में डूब गया था। उन्होंने बताया कि अभी सरकार ने यहां लगाए गए आटोमेटेड सिस्टम की जांच के लिए कई टैंकरों के माध्यम से यहां पानी को छोड़ा है ताकि यह सुनश्चित हो पाए कि यह सिस्टम कार्यरत है या नहीं।
यहां लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई है, जिससे पानी को सीधे निकासी प्वाइंट तक ले जाया जा सके।
जलभराव दूर करने के लिए हो रहा काम
- नालों की सफाई जारी
- जरूरत वाले स्थानों पर पंप लगाए जा रहे
- कई पंप स्टेशनों को आटोमैटिक किया जा रहा
- पंप आपरेटरों की कमी को दूर करने के लिए नई नियुक्तियां की जा रहीं
- जहां नाले का निर्माण कार्य चल रहा है, वहां भी पंप सेट लगाकर अस्थायी समाधान सुनिश्चित किया जा रहा
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