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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कहा- सरकारी भूमि पर नहीं बनीं मस्जिदें, BJP सांसद पर हो FIR

आयोग ने दिल्ली की मस्जिदों को लेकर अध्ययन किया है। इसमें पाया गया है कि प्रवेश वर्मा ने जिन मस्जिदों का नाम लिया है उनमें से एक तो 400 साल पुरानी है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 03:16 PM (IST)
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कहा- सरकारी भूमि पर नहीं बनीं मस्जिदें, BJP सांसद पर हो FIR
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कहा- सरकारी भूमि पर नहीं बनीं मस्जिदें, BJP सांसद पर हो FIR

नई दिल्ली, एएनआइ। पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट (West Delhi Lok Sabha Seat) से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) अब एक नई मुसीबत में घिर सकते हैं। दरअसल, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minorities Commission) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भाजपा सांसद का यह दावा गलत है कि दिल्ली में अवैध निर्माण करके मस्जिदों का निर्माण किया गया है। इतना ही नहीं, कमीशन ने यह भी कहा है कि गलतबयानी पर सांसद के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। 

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यहां पर बता दें कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली की मस्जिदों को लेकर अध्ययन किया है। इसमें पाया गया है कि प्रवेश वर्मा ने जिन मस्जिदों का नाम लिया है उनमें से एक तो 400 साल पुरानी है। ऐसे में उन्होंने गलत बयानी की है। इस कमेटी के अध्यक्ष ओवैस सुल्तान खान थे। उन्होंने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी और कहा कि आयोग को प्रवेश वर्मा के खिलाफ एथिक्स कमेटी में शिकायत करनी चाहिए, इस आधार पर उनकी सदस्यता भी जा सकती है। 

बता दें दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने यह अध्ययन भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के उस बयान के बाद किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अवैध जमीनों पर मस्जिदें तेजी से बढ़ रही हैं। 

वहीं, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट पर पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा है कि उनके पास सरकारी जमीनों के कागजातों की तहकीकात करने का कोई अधिकार ही नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कमीशन के ज्यादातर पदाधिकारी आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य हैं और उनके द्वारा यह तहकीकात बिना किसी अथॉरिटी के की गई है।

उन्होंने यही कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि माइनॉरिटी कमीशन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट को किसी भी सरकारी विभाग से अनुमोदन नहीं मिला है और इसलिए यह रिपोर्ट विश्वास करने लायक नहीं है। इस रिपोर्ट को इन अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रही जांच के निष्कर्ष या समापन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

यहां पर बता दें कि कुछ महीनों से दिल्ली में अतिक्रमण कर बेशकीमती सरकारी जमीनों पर मस्जिद और कब्रिस्तान के निर्माण का मुद्दा फिर गरमाया हुआ है। पिछले दिनों दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट (West Delhi Lok Sabha Seat) से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा ने उत्तम नगर स्थित विपिन गार्डन में बने कब्रिस्तान को लेकर सवाल उठाया था। इतना ही नहीं, उन्होंने इस तरह के अतिक्रमण को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को खत भी लिखा था।

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा था- 'मंदिरों और गुरुद्वारों का निर्माण दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा आवंटित जमानों पर फ्लोर एरिया रेश्यो (Floor area ratio) के आधार पर होता है। ऐसे में सरकारी जमीनों पर मस्जिदों और कब्रिस्तान का निर्माण कैसे किया जा रहा है? सवालिया लहजे में उन्होंने पूछा कि उत्तम नगर में विपिन गार्डन में कब्रिस्तान बनाया जा रहा है। उन्हें सुरक्षा कौन दे रहा है?'

यहां पर बता दें कि विपिन गार्डन की जमीन पर कब्रिस्तान बहुत पुराने समय से है। अब जबकि कब्रिस्तान को विकसित किया जा रहा है, तो लोग विरोध पर उतर आए हैं। लोग कब्रिस्तान का विरोध कर रहे हैं वह बाहर से आए हुए हैं।

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