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    Delhi: जिसे माना परिवार का सदस्य उसी ने दिया 'बेइंतहा दर्द', दुष्कर्म के बाद बोल भी नहीं पा रही थी किशोरी

    By Dhananjai MishraEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Mon, 21 Aug 2023 09:45 PM (IST)

    लगातार दुष्कर्म-गर्भपात से किशोरी की मानसिक हालत काफी खराब हो गई है। सात अगस्त को जब अस्पताल में भर्ती हुई तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी दो-तीन दिन तक वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। इसके बाद उसने डॉक्टरों काे बताया। डॉक्टरों ने पीड़िता के स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए पुलिस को कहा था कि मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का बयान 14 दिन बाद दर्ज किया जाए।

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    दुष्कर्म के आरोपित को किशोरी मामा कहती थी। (फोटो- जागरण)

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लगातार दुष्कर्म और गर्भपात से किशोरी की मानसिक हालत काफी खराब हो गई है। सात अगस्त को जब अस्पताल में भर्ती हुई तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी, दो-तीन दिन तक वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। इसके बाद उसने डॉक्टरों काे बताया। फिर पुलिस काे जानकारी दी।

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    डॉक्टरों ने पीड़िता के स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए पुलिस को कहा था कि मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का बयान 14 दिन बाद दर्ज किया जाए।

    गर्भपात के बाद स्वास्थ्य पर पड़ा गहरा प्रभाव

    डॉक्टारों ने बताया कि किशोरी शांत स्वभाव की है। पिता के निधन के बाद वह पहले से ही मानसिक तनाव में थी, इसके बाद उसके साथ जो हुआ। उससे वह मानसिक रूप से और टूट चुकी थी। गर्भपात के बाद से उसके स्वास्थ्य पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा।

    नाबालिग छात्रा मानसिक तौर पर और बीमार होती चली गई। उसे हर समय चिंता, भय, सदमा आदि लगा रहता था। इसकी वहज से उसके दिल की धड़कन तेज और सांस लेने में तकलीफ होती थी। काउंसिलिंग के दौरान पीड़िता बार-बार मामू-मामू बोला करती थी।

    जब पुलिस ने आरोपित की फोटो पीड़िता को दिखाई तो वह और डर गई। किशोरी की मां आरोपित को परिवार का सदस्या मानती था। किशोरी उसे मामा कहती थी।

    पिता की माैत के बाद तनाव ग्रस्त किशोरी से हमदर्दी जताकर आरोपित अपने घर ले जाने की बात कही थी। ऐसे में किशोरी की मां ने जिस पर भरोसा किया उसी ने उन्हें जिंदगी भर न भूलने वाला गम दिया है।

    कानूनी सलाह लेती रही पुलिस

    एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस को आरोपित को गिरफ्तारी करने में 10 दिन से ज्यादा का समय लग गया। इस मामले में पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो, जबरन गर्भपात कराने, जान से मारने की धमकी, स्त्री लज्जा भंग करना, मारपीट, आपराधिक षडयंत्र रचने की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

    एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित को नोटिस देकर पूछताछ की था, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि गिरफ्तारी को पुलिस कानूनी सलाह ले रही थी।

    रिपोर्ट इनपुट- धनंजय मिश्रा