LG के लापरवाह चहेते अधिकारी पानी की समस्या के लिए जिम्मेदार, उपराज्यपाल के पत्र पर आतिशी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
Delhi LG vs AAP Govt दिल्ली में पानी की समस्या पर एलजी वीके सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए खुले पत्र पर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एलजी को दिए जवाब में उपराज्यपाल के इस पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण संदेश बताया है। उन्होंने कहा कि यह पत्र दिल्ली की चुनी हुई सरकार के लिए एक अपमान जैसा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में पानी की समस्या पर एलजी वीके सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए खुले पत्र पर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एलजी को दिए जवाब में उपराज्यपाल के इस पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण संदेश बताया है।
आतिशी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह पत्र दिल्ली की चुनी हुई सरकार के लिए एक अपमान जैसा है। मंत्री ने एलजी से कहा कि मैंने आपसे उस अधिकारी को निलंबित करने का अनुरोध किया था जो बार-बार काम में रुकावट डाल रहा है। मगर आप ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
इस अधिकारी ने अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए यदि समय पर काम किया होता, तो इस गर्मी में राष्ट्रीय राजधानी के सामने आने वाले संकट को टाला जा सकता था।
एलजी पर लगाए आरोप
मंत्री ने कहा कि कई महीनों से दिल्ली सरकार के मंत्री उन मामलों में आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध कर रहे हैं, जहां सरकार के अधिकारियों की चूक के कारण शासन के कार्य ठप हो गए हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि इस लंबी अवधि में आपने दिल्ली के लोगों की जल-संबंधी समस्याओं के प्रति पूरी तरह से चुप्पी और उदासीनता बनाए रखी है।
'एलजी के अधिकारी जिम्मेदार'
मंत्री आतिशी ने कहा है कि आपका खुला पत्र प्रकाशिकी के लिए हो सकता है, लेकिन आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि दिल्ली में पानी के मौजूदा संकट के लिए आप के अधिकारी जिम्मेदार हैं। जिसके कारण पूर्वी दिल्ली में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है।
मंत्री ने कहा कि 19 मई 23 को ही मुख्यमंत्री ने डीजेबी को छह महीने की समय सीमा के भीतर दिल्ली सरकार की भूमि पर ट्यूबवेल कार्यों को पूरा करने के निर्देश जारी किए थे। साथ ही उन्होंने डीजेबी के अधिकारियों को ट्यूबवेल लगाने के लिए डीडीए के साथ संयुक्त निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।
इसी तरह 5 जून, 2023 को भी डीजेबी की परियोजनाओं की एक अन्य समीक्षा में भी मुख्यमंत्री ने डीजेबी को सभी ट्यूबवेलों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने और अगले चार महीनों के भीतर निगरानी के लिए ट्यूबवेल समूहों की स्थापना में तेजी लाने आदि का निर्देश दिया था।मंत्री ने कहा कि यह सब कागजों में ही रह गया। क्योंकि अधिकारियों ने इस पर काम ही नहीं किया। मंत्री ने कहा कि आप से जब अधिकारी पर कार्रवाई के लिए कहा तो आप ने उसे भी नहीं सुना।उन्होंने कहा है कि अब समझा जा सकता है इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है।