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    Delhi metro: DMRC को लगा झटका, आरएमबी ने रिज क्षेत्र में सड़क बनाने की मेट्रो को नहीं दी अनुमति

    By Jagran NewsEdited By: Shubham Sharma
    Updated: Tue, 26 Sep 2023 05:30 AM (IST)

    आरएमबी ने 2021 में एरोसिटी-तुगलकाबाद फेज-चार कारिडोर के अलाइनमेंट के लिए सेंट्रल पावर कमेटी और सुप्रीम कोर्ट को रिज क्षेत्र से निकलने की अनुमति दी थी। बोर्ड बैठक के मिनट्स के अनुसार डीएमआरसी ने नेब सराय स्टेशन को लेकर आरएमबी को प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव में अस्थायी तौर पर रिज क्षेत्र के वन क्षेत्र में एक वैकल्पिक रास्ता बनाने की मंजूरी मांगी गई थी।

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    नेब सराय मेट्रो स्टेशन के पास यातायात डायवर्जन के लिए डीएमआरसी मांगी थी जगह। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को साउथ मोरफोलाजिकल रिज में दो वर्ष के लिए जगह देने से रिज प्रबंधन बोर्ड (आरएमबी) ने इंकार कर दिया है। फेज-चार के तहत प्रस्तावित नेब सराय मेट्रो स्टेशन के पास यातायात डायवर्जन के लिए डीएमआरसी ने इस जगह की मांग की थी। यहां अस्थायी सड़क बनाकर यातायात को निकाला जाना था। डीएमआरसी को जगह न देने का निर्णय हाल ही बोर्ड की बैठक में लिया गया है।

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    नेब सराय स्टेशन को दिया था प्रस्ताव

    बता दें कि आरएमबी ने 2021 में एरोसिटी-तुगलकाबाद फेज-चार कारिडोर के अलाइनमेंट के लिए सेंट्रल पावर कमेटी और सुप्रीम कोर्ट को रिज क्षेत्र से निकलने की अनुमति दी थी। बोर्ड बैठक के मिनट्स के अनुसार,  डीएमआरसी ने नेब सराय स्टेशन को लेकर आरएमबी को प्रस्ताव दिया था।

    इसमें बताया गया है कि डीएमआरसी ने इग्नू-मैदान गढ़ी से होते हुए एमबी रोड पर यातायात डायवर्ट किया है, पर यह मार्ग मौजूद यातायात के दबाव को लेकर पर्याप्त नहीं है। कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है। लोगों को परेशानी होने के साथ ही निर्माण में भी बाधा आ रही है।

    वैकल्पिक रास्ता बनाने के लिए मांगी गई थी मंजूरी

    इस प्रस्ताव में अस्थायी तौर पर रिज क्षेत्र के वन क्षेत्र में एक वैकल्पिक रास्ता बनाने की मंजूरी मांगी गई थी। इसके तहत आरक्षित वन क्षेत्र में 0.46 हेक्टेयर और मोरफोलाजिकल रिज क्षेत्र में 0.16 हेक्टेयर की जगह मांगी गई है। इसमें 55 पेड़ हैं, पर आरएमबी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

    बोर्ड सदस्य इसके लिए मौके पर निरीक्षण कर सकते हैं। आरएमबी का कहना है कि दो वर्ष के लिए वन क्षेत्र में सड़क का मतलब रिज क्षेत्र की जैव विविधता को नुकसान पहुंचाना है। डीएमआरसी कोई वैकल्पिक रास्ता निकाल सकता है। जैसे ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए अतिरिक्त मार्शल लगाए जा सकते हैं।

    पांच परियोजनाएं मंजूर, कटेंगे करीब 100 पेड़

    आरएमबी ने रिज या रिज जैसे क्षेत्रों में पांच विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे लगभग 100 पेड़ों को काटने या प्रत्यारोपित करने की अनुमति मिलेगी। इन परियोजनाओं में 16.34 हेक्टेयर क्षेत्र में जेएनयू के पास इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आइयूएसी) और मैदानगढ़ी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल चिकित्सा विज्ञान संस्थान (सीएपीएफआइएमएस) की ओर से नए प्रयोगशाला परिसर का निर्माण शामिल है।

    इन्हें पिछले महीने मंजूरी मिली है। इन परियोजनाओं के लिए अब सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) से मंजूरी की जरूरत होगी। आइयूएसी की ओर से नए प्रयोगशाला परिसर के लिए 29 पेड़ प्रत्यारोपित या काटे जाएंगे। इसके 0.29 हेक्टेयर भू-आकृति विज्ञान रिज पर बनाया जाएगा।

    नया कार्यालय भवन बनाने के लिए काटे जाएंगे पेड़

    चाणक्यपुरी में रिजल मार्ग पर एशियाई विकास बैंक का एक नया कार्यालय भवन बनाने के लिए सात पेड़ काटे जाएंगे, जिसके लिए 0.08 हेक्टेयर भूमि की जरूरत थी। इग्नू के नए प्रशासनिक ब्लॉक बनाने के क्रम में 40 पेड़ काटे या प्रत्यारोपित किए जाएंगे।

    अभी बैठक के मिनट्स की प्रति नहीं मिली है। संबंधित विभागों के साथ संपर्क कर दिशानिर्देशों के अनुरूप आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। नेब सराय मेट्रो स्टेशन तुगलकाबाद से एरोसिटी के बीच निर्माणाधीन सिल्वर लाइन का हिस्सा है। - प्रवक्ता, डीएमआरसी

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