Delhi Metro: मेट्रो का सफर होगा आसान, मार्च से रुपे डेबिट कार्ड व मोबाइल से किराया भुगतान
Delhi Metro News मार्च से फेज तीन के स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू हो सकती है। इसके बाद फेज एक व फेज दो के स्टेशनों पर इसे लागू किया जा सकता है। स्टेशनों पर एक-एक प्रवेश व निकास एएफसी गेट पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों पर किराया भुगतान के लिए लगे आटोमेटिक फेयर क्लेक्शन (एएफसी) गेट के साफ्टवेयर और हार्डवेयर में बदलाव कर उसमें सीधे यात्रियों के बैंक एकाउंट से ही किराया भुगतान की सुविधा का फीचर जोड़ा जा रहा है और गेट पर क्यूआर कोड भी लगाए जा रहे हैं। इसे मोबाइल से स्कैन कर किराया भुगतान किया जा सकेगा। इसके अलावा एनसीएमएस (नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड) से भी किराया भुगतान हो सकेगा।
एनसीएमसी कार्ड के रूप में रुपे डेबिट कार्ड का इस्तेमाल होता है। इसलिए मार्च के अंत तक मेट्रो में मोबाइल फोन व डेबिट कार्ड से भी किराया भुगतान की सुविधा शुरू हो जाएगी। ट्रायल के रूप में पहले फेज तीन के स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू हो सकती है। इसके बाद फेज एक व फेज दो के स्टेशनों पर इसे लागू किया जा सकता है।
70 प्रतिशत यात्री करते हैं स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल
मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो में करीब 70 प्रतिशत यात्री किराया भुगतान के लिए स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। जिसे हमेशा रिचार्ज कराना पड़ता है। डेबिट कार्ड व मोबाइल से किराया भुगतान की सुविधा शुरू होने पर यात्रियों को स्मार्ट कार्ड से छुटकारा मिल जाएगा। दिल्ली में अभी सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की मेट्रो में एनसीएमसी व क्यूआर कोड से किराया भुगतान की सुविधा है। इस कारिडोर पर 28 दिसंबर, 2020 में यह सुविधा शुरू हुई थी।
इस वर्ष फरवरी में डीएमआरसी ने अन्य सभी कारिडोर पर एक साथ यह सुविधा शुरू करने के लिए दो निजी कंपनियों के साथ करार कर उन्हें स्टेशनों पर लगे एएफसी गेट को अपग्रेड करने की जिम्मेदारी दी। दिसंबर के अंत तक एक साथ सभी मेट्रो कारिडोर पर यह सुविधा शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
मार्च के अंत तक पूरा होगा काम
डीएमआरसी का कहना है कि एएफसी गेट के साफ्टवेयर में बदलाव कर उसमें क्यूआर कोड टिकटिंग, अकाउंट आधारित टिकट व एनएफसी (नियर फिल्ड कम्युनिकेशन) माध्यम का फीचर जोड़ा जा रहा है। मार्च के अंत तक हर स्टेशन पर एक प्रवेश व एक निकास एएफसी गेट को अपग्रेड करने व क्यूआर कोड लगाने का काम पूरा हो जाएगा। अभी तक 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। मौजूदा समय में सभी मेट्रो स्टेशनों पर कुल 3,300 एएफसी गेट हैं।
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