Delhi Metro: लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए तीन माह में चलेंगे 1136 अतिरिक्त ई-ऑटो, जानें इससे क्या होगा फायदा
लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए डीएमआरसी ने कुछ वर्ष पहले करीब 400 एसी बसें खरीदने की पहल की थी लेकिन बजट नहीं मिल पाने से यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई। बाद में डीएमआरसी ने सिर्फ 100 इलेक्ट्रिक एसी बसें खरीदी। लेकिन इससे भी लास्ट माइल कनेक्टिविटी में खास सुधार नहीं हुआ। अब इन बसों की कमान दिल्ली सरकार को सौंप दी गई है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) जल्द 1136 ई-ऑटो सड़क पर उतारने की तैयारी कर रहा है। ये ई-ऑटो दिल्ली के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों और इसके आसपास के इलाकों में चलेंगे, ताकि मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद यात्री आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। डीएमआरसी का दावा है कि करीब तीन महीने में ये ई-ऑटो सड़क पर उतर जाएंगे। इससे मेट्रो स्टेशनों से गंतव्य तक आवागमन की सुविधा बेहतर होगी।
दिल्ली सहित एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क करीब 392 किलोमीटर है। इससे मेट्रो से आवागमन की सुविधा बेहतर हुई है लेकिन अब भी मेट्रो स्टेशनों पर उतरने के बाद अपने गंतव्य तक पहुंचने में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
400 एसी बसें खरीदने की योजना नहीं चढ़ पाई परवान
लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए डीएमआरसी ने कुछ वर्ष पहले करीब 400 एसी बसें खरीदने की पहल की थी लेकिन बजट नहीं मिल पाने से यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई। बाद में डीएमआरसी ने सिर्फ 100 इलेक्ट्रिक एसी बसें खरीदी। लेकिन इससे भी लास्ट माइल कनेक्टिविटी में खास सुधार नहीं हुआ। अब इन बसों की कमान दिल्ली सरकार के दिल्ली परिवहन निगम को सौंप दी गई है।
डीएमआरसी को 2299 ई-ऑटो चलाने की स्वीकृति दी
डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो स्टेशनों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए परिवहन विभाग विभाग ने डीएमआरसी को 2299 ई-ऑटो चलाने की स्वीकृति दी है। जिसमें से वर्तमान समय में 1163 ई-ऑटो विभिन्न स्टेशनों से चल भी रहे हैं। इसमें से 306 ई-ऑटो चलाने के लिए महिला ऑटो चालकों को परमिट दिया गया है।
डीएमआरसी का कहना है कि शेष 1136 ई-ऑटो का परिचालन भी जल्दी शुरू करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इन ई-ऑटो का परिचालन शुरू होने पर लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा काफी हद तक ठीक हो जाएगी।
ई-ऑटो की उपलब्धता सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती
डीएमआरसी के इस दावे के बीच मेट्रो स्टेशनों से ई-ऑटो की उपलब्धता सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस बाबत डीएमआरसी का कहना है कि ई-ऑटो की जीपीएस फेंसिंग की जाएगी। इसके माध्यम से दिल्ली मेट्रो लास्ट माइल सर्विस लिमिटेड कंपनी इन पर नजर रखेगी और नियमित अंतराल पर यह समीक्षा करेगी कि कितने बार ई-ऑटो निर्धारित सीमा से अलग दूसरी जगहों पर गए। ताकि मेट्रो के यात्रियों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
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