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    दिल्ली-मेरठ रैपिड रेलः अगले माह शुरू होगा निर्माण, तीन साल में होगा तैयार

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Thu, 30 Aug 2018 07:14 PM (IST)

    दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर की डीपीआर एनसीआरटीसी ने पीआइबी को भेजी। अक्टूबर तक निर्माण शुरू करने की है योजना। तीन साल में पूरा होगा निर्माण।

    दिल्ली-मेरठ रैपिड रेलः अगले माह शुरू होगा निर्माण, तीन साल में होगा तैयार

    गाजियाबाद (जेएनएन)। रैपिड रेल के दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण अक्टूबर तक शुरू हो जाएगा। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने इस कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर), पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड (पीआइबी) को भेज दी है।

    पीआइबी से मंजूरी के बाद डीपीआर कैबिनेट के पास जाएगी। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। तब तक के लिए साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशन के बीच कॉरिडोर निर्माण के लिए ठेका छोड़ने की प्रक्रिया को रोक दिया गया है। एनसीआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि पीआइबी और कैबिनेट ने कुछ बदलाव करने को कहा तो ठेका देने से पहले उसी अनुसार शर्तों में फेरबदल कर दिया जाएगा।

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    एनसीआरटीसी ने पहले जुलाई में कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू करने का लक्ष्य रखा था। 82 किलोमीटर के इस रूट पर रैपिड रेल के 18 स्टेशन प्रस्तावित हैं। मेरठ की सीमा में छह मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं। दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होकर कॉरिडोर कौशांबी स्थित रेडिसन होटल के पास गाजियाबाद में प्रवेश करेगा। साहिबाबाद से होते हुए मेरठ रोड के बीचों बीच कॉरिडोर मेरठ स्थित मोदीपुरम में जाकर समाप्त होगा।

    यह कॉरिडोर यमुना नदी, हरनंदी (हिंडन), रेलवे ट्रैक और ईस्टर्न पेरिफेरल को क्रॉस करते हुए जाएगा। तीन स्थानों पर रैपिड रेल के स्टेशन मेट्रो से जुड़ेंगे। आनंद विहार, अशोक नगर और हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन से रैपिड रेल कॉरिडोर को जोड़ा जाएगा।

    शुरुआत में छह कोच की होगी रैपिड रेल

    रैपिड रेल कॉरिडोर को बनने में तीन साल का वक्त लगेगा। एनसीआरटीसी ने तय किया है कि जब रेल का संचालन शुरू किया जाएगा। पहले छह कोच की रेल दौड़ाई जाएगी। जरूरत के हिसाब से कोच बढ़ाए जाएंगे। अधिकतम 12 कोच के हिसाब से स्टेशन पर प्लेटफार्म बनाए जाएंगे।

    अंग्रेजों की कब्र के पास पिलर बनाने को मांगी एनओसी

    हरनंदी (हिंडन नदी) किनारे अंग्रेज सैनिकों की कब्र के करीब रैपिड रेल कॉरिडोर का एक पिलर बनाने के लिए नेशनल कैपिटल रीजन कॉरपोरेशन ने नगर निगम से एनओसी मांगी है। यहां 1857 की क्रांति में मारे गए अंग्रेज सैनिकों की कब्र हैं। इसे भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआइ) ने संरक्षित स्मारक घोषित किया हुआ है।

    नगर आयुक्त ने तहसीलदार से मांगी रिपोर्ट

    एनसीआरटीसी से आए अधिकारी से नगर आयुक्त ने कहा है कि इसके लिए उन्हें पुरातत्व विभाग से एनओसी लेनी चाहिए। तब एनसीआरटीसी के अधिकारी ने बताया कि कब्रों से 150 मीटर दूर पिलर बनना है। वहां निगम की सीमा है। इस कारण एनओसी मांगी जा रही है। इस पर नगर आयुक्त ने तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि एएसआइ की सीमा से बाहर होने पर ही एनओसी संभव हो पाएगी। वहीं एनसीआरटीसी के अधिकारी ने बताया कि जरूरत पड़ी तो एएसआइ से अनुमति ली जाएगी।

    अक्टूबर में शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य

    एनसीआरटीसी के वरिष्ठ कार्यकारी जनसंपर्क अधिकारी राजीव कुमार चौधरी के अनुसार रैपिड रेल का निर्माण कार्य अक्टूबर तक शुरू हो पाएगा। रैपिड रेल के इस कॉरिडोर की डीपीआर पीआइबी के पास है। वहां की मंजूरी के बाद कैबिनेट हरी झंडी देगा। उसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। तब तक के लिए कॉरिडोर के निर्माण संबंधी कार्यों की ठेका प्रक्रिया को होल्ड कर दिया गया है।