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    शहर में टोल टैक्स नहीं वसूलेगी MCD, दिल्ली सरकार बस करे ये काम

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 07:55 PM (IST)

    केंद्र सरकार के अनुरोध पर दिल्ली में एमसीडी टोल हटाने को तैयार है जिससे जाम कम होगा। एमसीडी ने दिल्ली सरकार से आर्थिक मदद की शर्त रखी है जिसके लिए शहरी विकास विभाग को पत्र लिखा गया है। निगम को 900 करोड़ रुपये की वार्षिक सहायता और ट्रांसफर ड्यूटी में वृद्धि की उम्मीद है। 2000 से टोल और 2003 से ईसीसी वसूली जा रही है।

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    एमसीडी टोल हटाने को तैयार, रखी आर्थिक मदद की शर्त। फाइल फोटो

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने के दौरान एमसीडी के टोल और पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) जाम का कारण बनता है। ऐसे में केंद्र सरकार के आग्रह के बाद दिल्ली नगर निगम टोल को हटाने के लिए तैयार हो गया है।

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    हालांकि इसके लिए निगम ने शर्त लगाई है कि वह जब ही इन टोल को खत्म करेगा तब की उसे दिल्ली सरकार द्वारा आर्थिक मदद की जाएगी। अगर, सरकार किसी भी रूप में उसे आर्थिक मदद करती है तो वह टोल को हटा देगा। टोल हटाने को लेकर एमसीडी के अतिरिक्त आयुक्त ने दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग को पत्र लिखा है। इस पत्र में निगम ने शर्तों के साथ लिखित सहमति टोल हटाने को लेकर दिल्ली सरकार को दी है।

    एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि मई माह में केंद्र सरकार में हुई एक बैठक के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए थे।

    इसके बाद दिल्ली सरकार में जून माह में हुई बैठक के बाद इस पर चर्चा भी हुई। इस पर सरकार ने निगम का पक्ष मांगा था जिस पर हमने पत्र के माध्यम से जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि चूंकि टोल निगम के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत में से एक है।

    इसलिए हमने आर्थिक मदद के आश्वासन के बाद टोल वसूलने पर खत्म करने की बात कही है। अगर, हमे सरकार द्वारा 900 करोड़ रुपये की वार्षिक आर्थिक मदद और हर वर्ष इसमें तीन से चार प्रतिशत की बढोत्तरी की सहमति देती है तो हम टोल वसूली बंद कर देंगे।

    इसके साथ ही हमने एक विकल्प ट्रांसफर ड्यूटी बढ़ाने का भी दिया है। अगर, दिल्ली सरकार अचल संपत्तियों पर मिलने वाली ट्रांसफर ड्यूटी पर एक प्रतिशत की बढोत्तरी करती है तो भी हम टोल हटाने के लिए तैयार हैं।

    उल्लेखनीय है कि एमसीडी एक्ट 1957 के अनुच्छेद 113 (2) जी के तहत दिल्ली में प्रवेश करने के दौरान व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूला जाता है। वर्ष 2000 से यह व्यवस्था दिल्ली में लागू हुई थी। जबकि एक मई 2003 से दिल्ली में पर्यावरण क्षति पूर्ति शुल्क (ईसीसी) मालवाहन वाहनों से वसूला जाता है।

    दिल्ली में टोल वसूली के कारण गाजीपुर से लेकर रजोकरी और बदरपुर, कालिंदी कुंज जैसे टोल नाकों पर जाम की स्थिति अक्सर बन जाती है। यह स्थिति तब होती है जबकि निगम ने टोल वसूली को फास्टैग की तर्ज पर एमसीडी के आरएफआइडी टैग से वसूलना अनिवार्य कर रखा है।

    दिल्ली में कुल 156 टोल नाके हैं। इसमें 13 टोल नाकों पर 85 प्रतिशत यातायात दिल्ली में प्रवेश करता है उसमें 2019 में निगम ने आरएफआइी से टोल भुगतान को अनिवार्य कर रखा है।

    टोल के साथ ईसीसी वसूली है जाम लगने की प्रमुख वजह

    राजधानी दिल्ली में टोल के साथ ईसीसी वसूली भी जाम की ब़ड़ी वजह है। ईसीसी वसूलने के लिए मालवाहक वाहनों को रोका जाता है। इसके बाद अगर, वाहन खाली है तो उस पर ईसीसी की दर अलग है और वाहन के अंदर अगर सामान है तो उसकी ईसीसी की दर अलग है। जबकि जरुरी वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी ले जाने वाले व्यावसायिक वाहनों को ईसीसी से छूट है।

    ऐसे में इन वाहन चालकों के दावे को मौके पर चेक किया जाता है। इसकी वजह से टोल पर जाम लग जाता है। हालांकि ईसीसी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दिल्ली में लागू हुआ था। इललिए दिल्ली नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर एक याचिका दायर कर रखी है।

    इसमें उसने इस पर निर्णय लेने की अपील की हुई है। हालांकि विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि मालवाहक वाहनों से ईसीसी वसूलने की दर अलग-अलग है। अगर, दर भी एक समान कर दिया जाए तो भी काफी राहत हो सकती है। ज्यादातर विशेषज्ञ ईसीसी के खत्म करके एक मुश्त राशि लेने के पक्ष में है।

    ये टोल नाके हैं जिनमें एमसीडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगाया है आरएफआइडी सिस्टम

    टोल नाका कितनी टोल लेन है फ्री लेन अतिरिक्त लेन
    आया नगर 2 2 0
    डीएनडी 4 6 0
    शाहदरा मेन 1 1 0
    शाहदरा फ्लाइओवर 2 1 -
    गाजीपुर मेन 1 0 1
    गाजीपुर ओल्ड 2 0 0
    कालिंदी कुंज 2 - 2
    कापसहेड़ा 4 2 0
    टिकरी 2 2 0
    कुंडली 10 0 0
    बदरपुर मेन 10 0 10
    बदरपुर फ्लाइओवर 7 0 6
    रजौकरी 9 0 0