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    Delhi MCD School: दिल्ली नगर निगम अपने स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए उठाने जा रहा ये खास कदम, जानें पूरी डिटेल

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2022 12:36 PM (IST)

    कमजोर बच्चों को शब्द ज्ञान सिखाने के लिए निगम ने विशेष कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया है। ये विशेष कक्षाएं प्रतिदिन एक घंटे की चलेंगी जिसमें कमजोर बच्चों के शिक्षा के स्तर को सुधारने पर काम किया जाएगा।

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    पढ़ाई में कमजोर बच्चों को शब्द ज्ञान सिखाने के लिए चलेंगी विशेष कक्षाएं।

    नई दिल्ली [निहाल सिंह]। एकीकृत निगम की छवि सुधारने के लिए कई फैसले लिए जा रहे हैं। ऐसे में निगम ने अपने स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने का फैसला लिया है। अब निजी स्कूलों की तर्ज पर निगम के सभी स्कूलों में पीरियड सिस्टम लागू हो गया है। इससे अब बच्चों को हर विषय के विशेषज्ञ शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं। कमजोर बच्चों को शब्द ज्ञान सिखाने के लिए निगम ने विशेष कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया है। ये विशेष कक्षाएं प्रतिदिन एक घंटे की चलेंगी, जिसमें कमजोर बच्चों के शिक्षा के स्तर को सुधारने पर काम किया जाएगा।

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    निगम के शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने अपने सभी 1530 स्कूलों में निजी स्कूलों की तर्ज पर पीरियड सिस्टम को लागू कर दिया है। इसका उद्देश्य बच्चों में शिक्षण को लेकर रुचि बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि जब हर पीरियड को अलग-अलग शिक्षक पढ़ाएंगे तो इससे बच्चों को भी पढ़ने में रुचि आएगी। उन्होंने कहा कि एक ही शिक्षक से सारे विषय की पढ़ाई पढ़ने से संभवत: बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि कम हो जाए। जब अलग-अलग विषय के अलग शिक्षक होंगे तो बच्चों में हर विषय को पढ़ने की रुचि बढ़ेगी, जिसका लाभ निगम स्कूल के बच्चों के शिक्षा के स्तर को मजबूत करने में मिलेगी।

    अधिकारी ने बताया कि सभी स्कूल प्रभारी या प्रधानाचार्य को इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। यह व्यवस्था लागू हो, इसके लिए पीरियड बैल और अन्य साधन लगाने के लिए कहा है।निगम स्कूलों में साढ़े आठ लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। इसमें कई ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ाई मे बहुत कमजोर हैं। उन्हें शब्दों का ज्ञान तक नहीं हैं। इसे देखते हुए मिशन बुनियाद की सफलता के बाद निगम ने विशेष कक्षाएं शुरू की हैं।

    प्रतिदिन एक घंटे की होने वाली विशेष कक्षाओं में हिंदी, अंग्रेजी और गणित की प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी। विशेष कक्षाओं में उन बच्चों पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जो ग्रीष्मकालीन अवकाश में मिशन बुनियाद में शामिल नहीं हुए थे। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि मिशन बुनियाद में बड़ी संख्या में बच्चों के प्राथमिक शिक्षा के स्तर को ठीक किया गया है। इसमें बच्चों के समूह को एक से लेकर पांच स्तर तक के समूह में बांटा गया है।

    अधिकारी ने बताया कि हिंदी विषय 74728 बच्चे थे, जो स्तर-1 में शामिल थे। मिशन बुनियाद के बाद ऐसे बच्चों की संख्या घटकर 18,895 रह गई थी, लेकिन छुट्टियों के बाद वापस लौटने वाले बच्चों की संख्या 40163 हो गई है, जिनके लिए विशेष कक्षाएं चल रही हैं। इसी तरह गणित में स्तर-1 में 58,948 बच्चे शामिल थे। मिशन बुनियाद से इन बच्चों की संख्या 13050 रह गई थी, लेकिन छुट्टियों से लौटे बच्चों की वजह से यह संख्या 29,661 हो गई है।

    अंग्रेजी में स्तर-1 के बच्चों की संख्या 97267 थी। मिशन बुनियाद के चलते इनकी संख्या घटकर 25,868 हो गई थी, लेकिन नए दाखिले और छुट्टियों से लौटे बच्चों की वजह से यह संख्या 50866 हो गई है।