Delhi: 5 महीनों से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं मयूर विहार फेज-3 के वासी, पांच हजार लोग प्रभावित
आरडब्ल्यूए पाकेट ए-2 के अध्यक्ष थामस के एंथनी ने बताया 24 घंटों के लिए तो एक भी दिन पानी आया ही नहीं है। सुबह और शाम भी बहुत कम समय के लिए पानी आता है। जिससे टंकी में पानी जमा करना भी मुश्किल हो जाता है।

पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। मयूर विहार फेज-तीन के निवासी पिछले पांच महीनों से पानी की किल्लत की समस्या का सामना कर रहे हैं। जिसके कारण लोगों को मजबूरीवश पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पाकेट ए-2 स्थित बूस्टर पंपिंग स्टेशन में बने जलाशय का जर्जर होने समस्या की मुख्य वजह है। पहले यहां से पानी पाकेटों में पहुंचता था। इसके जर्जर होने के बाद से अब घरों में पानी की आपूर्ति सीधे मेन पाइपलाइन से की जा रही है।
ऐसे में कम प्रेशर के कारण पानी उचित मात्रा में नहीं आता। आपूर्ति का समय कम हो गया है। हालात ऐसे हैं कि पानी की टंकियां तक नहीं भर पाती हैं। जिससे रोजमर्रा के कार्यों को निपटाने व प्यास बुझाने में समस्या होती है।
सीताराम ने बताया कि पिछले लगभग पांच महीनों से पानी की आपूर्ति की समय-सीमा काफी कम हो गई है। साथ एक ही समय पर सब घरों में पानी भरने के लिए मोटर चालू हो जाने से जल का दबाव कम हो जाता है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि दावे के मुताबिक विधायक ने डेढ़ वर्ष में भी जलाशय ठीक नहीं कराया है। ऐसे में पानी का संकट गहराता जा रहा है। जिससे करीब चार से पांच हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं।
डेढ़ वर्ष बाद भी ठीक नहीं हो पाया जलाशय
मयूर विहार फेज-तीन ज्वाइंट फोरम के चेयरमैन विजय रैना ने बताया कि क्षेत्र की पाकेटों और सोसायटियों में जलाशय के माध्यम से पानी की आपूर्ति होती थी। लेकिन काफी साल पहले गाद जमने व जर्जर हो जाने की वजह से जलाशय से पानी की आपूर्ति को बंद कर दिया गया था।
उस समय स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार ने जलाशय को ठीक कराने के लिए डेढ़ वर्ष का दावा किया था। लेकिन अभी तक वह जलाशय ठीक नहीं हो सका है। इस संबंध में जब विधायक से चर्चा की गई तो उन्होंने जलाशय को ठीक कराने के लिए एक वर्ष का अधिक समय मांगा है।
आरडब्ल्यूए पाकेट ए-2 के अध्यक्ष थामस के एंथनी ने बताया 24 घंटों के लिए तो एक भी दिन पानी आया ही नहीं है। सुबह और शाम भी बहुत कम समय के लिए पानी आता है। जिससे टंकी में पानी जमा करना भी मुश्किल हो जाता है।
आरडब्ल्यूए पाकेट ए-1 के अध्यक्ष जेपी सिंह ने बताया कि जलाशय के ठीक रहते हुए पानी की किल्लत होने के बावजूद भी हमें जल संकट से नहीं जूझना पड़ता था। पिछले चार-पांच महीनों से तो बुरा हाल हो रखा है।
आरडब्ल्यूए पाकेट ए-2 के महासचिव अमित कुमार ने बताया कि आरडब्ल्यूए की बैठकों में भी लोग पानी को लेकर शिकायतें करते हैं। समस्या का समाधान नहीं होने पर वे आरडब्ल्यूए के सदस्यों को दोषी ठहराते हैं। - विजय रावत, अध्यक्ष, ज्वाइंट फोरम आफ आरडब्ल्यूएसुबह पर्याप्त पानी न भर पाने की वजह से रोजमर्रा के कामों को पूरा करना दूभर हो जाता है। पिछले दो महीनों से हम पानी की बोतलें खरीदने के लिए मजबूर हैं।
कोंडली विधानसभा के विधायक कुलदीप कुमार ने बताया कि जलाशय जर्जर हो जाने के बाद लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए घरों में 24 घंटे पानी की सीधी आपूर्ति करा दी गई थी। जहां तक बात जलाशय को ठीक कराने की है, उसका पुराना टेंडर बीत चुका है। नए टेंडर के लिए आवेदन कर दिया है। बहुत जल्द लोगों को इस समस्या से निजात दिलाया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।