Delhi: 31 मार्च को खत्म हुआ मेयर का कार्यकाल, सोमवार से शुरू होगी चुनावी प्रक्रिया; जानिए अब कौन है महापौर?
मार्च माह के खत्म होने के बाद दिल्ली के महापौर के चुनाव को लेकर फिर जद्दोजहद सोमवार से शुरू होने की संभावना है। महापौर का कार्यकाल खत्म हो गया है ऐसे में अप्रैल में जो भी निगम सदन की बैठक होगी उसमें महापौर और उप महापौर का चुनाव होगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मार्च माह के खत्म होने के बाद दिल्ली के महापौर के चुनाव को लेकर फिर जद्दोजहद सोमवार से शुरू होने की संभावना है। महापौर का कार्यकाल खत्म हो गया है, ऐसे में अप्रैल में जो भी निगम सदन की बैठक होगी, उसमें महापौर और उप महापौर का चुनाव होगा।
इसलिए निगम सचिव कार्यालय संभवत: सोमवार से यह प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। सबसे पहले महापौर के पास यह फाइल भेजी जाएगी। इसमें जो तारीख महापौर तय करेगी उस दिन चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
एलजी तय करेंगे तारीख
इसमें पार्षदों को नामांकन करने की तारीखों का निर्धारण होगा। इसी दौरान निगम उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी तय करने के लिए नाम भेजेगा। दिल्ली नगर निगम में भले ही 31 मार्च को महापौर व उप महापौर का कार्यकाल खत्म हो गया है, लेकिन यह दोनों जब तक पद पर बने रहेंगे, तब तक की नए सिरे से महापौर का चुनाव नहीं हो जाता है।
इस बार स्थायी समिति के सदस्यों का नहीं होगा चुनाव
दिल्ली नगर निगम में हर वर्ष महापौर के साथ ही स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव होता है, लेकिन इस बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि महापौर- उप महापौर का चुनाव तो होगा, लेकिन स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा। ऐसा इसलिए भी होगा क्योंकि पूर्व में चुने गए छह सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया तो पूरी हो गई है, लेकिन चुनाव परिणाम अभी जारी नहीं होता है।
निगम एक्ट के नियमानुसार स्थायी समिति के सदस्यों का कार्यकाल जब से शुरू होगा तब से वह निर्वाचित होते हैं। चूंकि इनके निर्वाचन का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। इसलिए इस बार महापौर और उप महापौर के साथ स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा।
महापौर प्रत्याशी बनी शैली तो बन नहीं पाएगी पीठासीन अधिकारी
दिल्ली नगर निगम के महापौर पद के चुनाव में अगर महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय को आम आदमी पार्टी (आप) फिर से इसी पद के लिए प्रत्याशी बनाती है तो शैली ओबेरॉय पीठासीन अधिकारी नहीं बन पाएगी। दिल्ली नगर निगम की बैठक में अब तक महापौर व उप महापौर चुनाव कराने के लिए तत्कालीन महापौर ही ज्यादातर पीठासीन अधिकारी बनते रहे हैं, लेकिन दिल्ली नगर निगम के एक्ट के अनुच्छेद 77 में वह व्यक्ति पीठासीन अधिकारी नहीं बन सकता जो महापौर का प्रत्याशी हो।
अगर, डा. शैली ओबेरॉय प्रत्याशी बनाई गई तो वह पीठासीन अधिकारी नहीं बन पाएगी। हालांकि यह उपराज्यपाल का विशेषाधिकार है। पूर्व में उत्तरी दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह के महापौर के चुनाव में तत्कालीन महापौर जय प्रकाश को पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया गया था। तत्कालीन कांग्रेस दल के नेता और वर्तमान में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सदन मुकेश गोयल को उस चुनाव का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था।