Mayor Election: नगर निगम में भी हो सकती है अधिकारों की रार, स्थायी समिति पर BJP की नजर
Delhi Mayor Election उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच काफी समय से अधिकारों की जंग चल रही है। निगम में पहली बार सत्ता के दो केंद्र होंगे। ऐसे में दिल्ली सरकार की तरह नगर निगम में भी अधिकारों पर रार होने की पूरी संभावना है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच काफी समय से अधिकारों की जंग चल रही है। अधिकारों की ये जंग एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। कुछ ऐसी ही स्थिति निगम सदन में भी बनने के आसार हैं।
निगम सदन में भी आप और भाजपा के बीच अधिकारों को लेकर तल्खी बढ़ सकती है। दरअसल मौजूदा राजनीतिक समीकरण में ‘आप’ सदन में अपना महापौर बना सकती है, लेकिन स्थायी समिति पर भाजपा का कब्जा हो सकता है।
स्थायी समिति में होते हैं 18 सदस्य
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार आप को सदन में अपना महापौर बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं भाजपा को स्थायी समिति में अपना अध्यक्ष बनाने में दिक्कत होती नहीं दिख रही है। स्थायी समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं। ऐसे में भाजपा अगर सात सदस्य जोन से और तीन सदस्य सदन से बना लेती है, तो स्थायी समिति पर उसका कब्जा हो जाएगा।
ऐसा हुआ तो निगम में पहली बार सत्ता के दो केंद्र होंगे। ऐसे में दिल्ली सरकार की तरह नगर निगम में भी अधिकारों पर रार होने की पूरी संभावना है। नगर निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता ने स्थायी समिति, सदन और निगमायुक्त के प्रमुख अधिकारों का विस्तृत विवरण बताया है। नगर निगम अधिनियम में इस तरह के प्रविधान हैं।