Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Mayor Election: मनोनीत सदस्य भी चयनित पार्षद जैसे, पर नहीं कर सकते मतदान

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Sun, 08 Jan 2023 08:30 AM (IST)

    Delhi Mayor Election मनोनीत सदस्य महापौर व उपमहापौर के चुनाव समेत किसी भी प्रस्ताव पर वोट नहीं कर सकते। किसको पहले शपथ दिलानी है इसका उल्लेख कहीं नहीं है। यह पीठासीन अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है।

    Hero Image
    Delhi Mayor Election: मनोनीत सदस्य भी चयनित पार्षद जैसे, पर नहीं कर सकते मतदान

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने पर शुक्रवार को इस कदर हंगामा हुआ कि न तो पार्षद शपथ ले पाए, न महापौर का चुनाव हो सका। ऐसे में विवाद हो रहा है कि कहीं शपथ लेने के बाद मनोनीत सदस्यों से महापौर और उपमहापौर चुनाव में वोटिंग न करा ली जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निगम के एक्ट के जानकार और पूर्व निगम के विधि अधिकारी अनिल गुप्ता कहते हैं कि निगम के सदन की कार्यवाही संसद द्वारा पारित एक्ट के हिसाब से चलती है। एक्ट में शपथ ग्रहण से सदस्यों की शक्तियों का सीधा उल्लेख है। ऐसे में मनोनीत सदस्यों से वोट कराने की बात कहना उचित नहीं हैं, क्योंकि निगम एक्ट के अनुच्छेद-32 में उल्लेख है कि निर्वाचित सदस्य और मनोनीत सदस्य भी शपथ लेंगे।

    गुप्ता बताते हैं कि शपथ ग्रहण किसका पहले होना है और किसका बाद में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि महापौर और उपमहापौर का चुनाव तभी पूरा होगा, जब सदन में मौजूद सभी सदस्यों का शपथ ग्रहण हो जाए। भले ही मनोनीत सदस्यों को महापौर व उपमहापौर के चुनाव में वोट करने का अधिकार नहीं है, तो ऐसे में संभव नहीं कि 10 मनोनीत सदस्यों को छोड़कर आगे की प्रक्रिया अपना ली जाए।

    मनोनीत सदस्यों को जोन में वोट करने का अधिकार

    उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर मनोनीत सदस्यों को जोन में वोट करने का अधिकार मिला है, जिसमें वह स्थायी समिति के सदस्य के साथ जोन के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुनने के लिए वोट कर सकता है। गुप्ता यह भी कहते हैं कि सदन में मनोनीत सदस्य और चुने हुए पार्षद का महत्व एकसमान है।

    उन्होंने कहा कि निगम में मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार दिलाने के लिए केंद्र सरकार को निगम एक्ट में संसद से संशोधन कराना होगा। गुप्ता ने कहा कि एमसीडी एक्ट के अनुच्छेद तीन में 10 सदस्यों के मनोनयन का अधिकार है। उसमें यह भी स्पष्ट उल्लेख है कि इन सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होगा।