Delhi Mayor Election: अब 24 जनवरी को होगी MCD की बैठक, शपथ ग्रहण के बाद होगा मेयर का चुनाव
Delhi Mayor Election सिविल डिफेंस वालंटियर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे पहले नगर निगम ने 30 जनवरी की तारीख का प्रस्ताव किया था जिसका उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विरोध करते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Mayor Election: दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक बुलाने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। 24 जनवरी को निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में ही यह बैठक होगी। बैठक में पार्षदों के साथ मनोनीत सदस्यों की शपथ और निर्वाचित सदस्यों की शपथ होगी। इसके बाद महापौर और उप महापौर के साथ स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव कराया जाएगा।
नगर निगम ने 30 जनवरी की तारीख का प्रस्ताव किया था, जिसका उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विरोध करते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही 18, 20, 21 व 24 जनवरी की तारीख का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था। इसके बाद उपराज्यपाल ने 24 जनवरी को इसकी तारीख की घोषणा कर दी है।
6 जनवरी को बैठक में हुआ था जमकर हंगामा
दिल्ली नगर निगम के सदन की पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी, जिसमें पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा द्वारा मनोनीत सदस्यों की शपथ पहले कराए जाने का आम आदमी पार्टी (आप) ने विरोध किया था। जिससे जमकर हंगामा हुआ। साथ ही सत्या शर्मा को तीन बार सदन की कार्यवाही को स्थगित तक करना पड़ा। इसके चलते प्रस्तावित तय कार्यक्रम के तहत न तो पार्षदों की शपथ हुई थी और न ही महापौर और उप महापौर पद का चुनाव हो पाया था।
इसके चलते निगम ने फिर से सदन की बैठक बुलाने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के माध्यम से उपराज्यपाल को भेजा था। बाक्स एलजी के आदेश में नहीं पीठासीन अधिकारी का जिक्रदिल्ली नगर निगम की बैठक में पीठासीन अधिकारी कौन होगा अभी यह स्पष्ट नहीं है। हो सकता है आने वाले एक दो दिन में इसको लेकर स्थति स्प्षट हो जाए।
माना जा रहा है चूंकि सत्या शर्मा की शपथ सदन में हो चुकी है। ऐसे में पूर्व में निर्धारित हुई पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा को ही इस बैठक की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके लिए भी राजनिवास को स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाएगा निगम
दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक शांतिपूर्ण तरीके से हो यह तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों पर ही निर्भर करता है, लेकिन पूर्व की घटना को देखते हुए निगम सिविल डिफेंस वालटियर्स की संख्या को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
पिछली बैठक में सदन में 70 सिविल डिफेंस वालटियर्स थे। जिसकी संख्या दोगुनी तक की जा सकती है। साथ ही सदस्य पीठासीन अधिकारी और अन्य किसी पार्षद के शपथग्रहण में व्यवधान न कर पाए इसके लिए भी इंतजाम किए जाएंगे। पीठासीन अधिकारी के आसन के समक्ष भी सिविल डिफेंस वालटियर्स की तैनाती करने की तैयारी है। वहीं, सिविक सेंटर में सुरक्षा के इंतजाम के लिए दिल्ली पुलिस भी तैनात होगी।
पत्रकारों के प्रवेश के लिए बनाए नियम
निगम एकीकरण के बाद मीडियाकर्मियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में सदन की कार्यवाही कवरेज के लिए निगम ने नियम निर्धारित कर दिए हैं। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा जारी पीआईबी और दिल्ली सरकार द्वारा जारी डीआईपी जैसे मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्रवेश की इजाजत संस्थान के आग्रह के बाद दी जाएगी। वहीं, इंटरनेट मीडिया के संचालित करने वाले न्यूज पोर्टल को उसी सूरत में इजाजत दी जाएगी जबकि वह वेबसाइट दिन में आठ बार अपडेट होती हो और उसका 50 प्रतिशत कंटेट खुद के संवाददाताओं द्वारा हो।
पिछली बैठक की पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा कि मैंने उस दिन किसी भी प्रकार से नियमों का उल्लंघन नहीं किया था। नियम के तहत ही मैंने मनोनीत सदस्यों की शपथ कराना शुरू किया था, लेकिन आम आदमी पार्टी(आप) के पार्षदों के हंगामे के चलते वह कार्यक्रम नहीं हो पाया। वैसे, पीठासीन अधिकारी मुझे बनाने की अधिकारिक जानकारी नहीं आई हैं। अगर, मैं ही पीठासीन अधिकारी बनी तो जिस तरह से मैं शपथ करा रही थी उसी तरह से शपथ कराउंगी।