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    दिल्ली में कई इलाके बने प्रदूषण के नए हॉट स्पॉट, पुरानों का भी है बुरा हाल; CSE ने किया चौंकाने वाला खुलासा

    By sanjeev GuptaEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Thu, 12 Oct 2023 09:55 PM (IST)

    दिल्ली में सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने को लेकर दिल्ली सरकार अनेक उपाय कर रही है लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और कई पहलू अनदेखे भी हैं। इन्हीं में से एक पहलू है प्रदूषण के हॉट स्पॉट का है। दिल्ली सरकार के परंपरागत 13 हॉट स्पॉट पर तो फोकस कर रही है लेकिन जो इलाके नए हॉट स्पॉट बन रहे हैं उन पर अभी भी ध्यान नहीं है।

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    Delhi Pollution: दिल्ली में कई इलाके बने प्रदूषण के नए हॉट स्पॉट, पुरानों का भी है बुरा हाल। (फाइल फोटो)

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। राजधानी में सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने को लेकर दिल्ली सरकार अनेक उपाय कर रही है। लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और कई पहलू अनदेखे भी हैं। इन्हीं में से एक पहलू है प्रदूषण के हॉट स्पॉट का। दिल्ली सरकार के परंपरागत 13 हॉट स्पॉट पर तो फोकस कर रही है, लेकिन जो इलाके नए हॉट स्पॉट बन रहे हैं, उन पर अभी भी ध्यान नहीं है।

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    राष्ट्रीय राजधानी में जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, वैसे ही यह गैस चैंबर में तब्दील होती जाती है। इससे बचने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान जारी करने के साथ- साथ 13-13 हॉट स्पॉट के लिए भी अलग-अलग प्लान तैयार किया है। लेकिन वर्षों से यही 13 हॉट स्पॉट बरकरार हैं, जबकि सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के एक विश्लेषण में सामने आया है कि दिल्ली में और भी अनेक इलाके हाट स्पाट की श्रेणी में पहुंच गए हैं। यहां अक्सर सामान्य से अधिक एक्यूआइ रहता है। लेकिन वहां पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई प्लान नहीं है। इनमें मंदिर मार्ग, आइटीओ, सोनिया विहार और पूसा सहित अनेक जगहों पर सामान्य से ज्यादा एयर इंडेक्स दर्ज किया जाता है।

    आठ नए इलाकों में मध्यम श्रेणी में हवा

    सीएसई की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा चिन्हित किए गए परंपरागत 13 हाट स्पाट के साथ साथ आठ और नए हाट स्पाट तैयार हो गए हैं। नए हॉट स्पॉट में नेहरु नगर, एनएसआईटी द्वारका, लोधी रोड, विवेक विहार, पटपड़गंज, अलीपुर, सोनिया विहार व आईटीओ शामिल हो गया है। ऐसे में दिल्ली सरकार के सामने यह चुनौती बन गए हैं। सीएसई के एक विशेषज्ञ अविकल सोमवंशी कहते हैं कि परंपरागत हाट स्पाट के साथ ही नए हाट स्पाट पर ध्यान दिया जाना भी बहुत जरूरी है।

    समन्वय समिति को लेकर आशंका

    पुराने 13 हॉट स्पॉट के लिए सरकार ने इस बार 13 ही अंतर विभागीय समन्वय समिति गठित की हैं, लेकिन इन समितियों की सफलता पर आशंका है। वजह, जिन विभागों को इनमेें हिस्सेदार बनाया गया है, वो खुद ही प्रदूषण की शिकायतें निपटाने में फिसड्डी है। सीपीसीबी द्वारा जारी दो साल के आंकड़े बताते हैं कि कई विभाग तो 50 प्रतिशत शिकायतें भी नहीं निपटा सके। यह विभाग ग्रेप के पहले चरण को भी ठीक से लागू नहीं करवा पा रहे हैं।

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    नाम के लिए एंटी स्माग गन

    एंटी स्माग गन को हर हॉट स्पॉट के लिए समाधान के तौर पर प्रस्तुत किया गया है। लेकिन जब तक वह क्षेत्र गीला रहता है, तभी तक प्रदूषण भी नियंत्रित रह पाता है। ऐसे में यह उपाय खानापूर्ति ही साबित हो रहा है। यही नहीं, तय जगहों पर तैनात एंटी स्माग गन पूरी क्षमता के साथ भी नहीं चलती है।

    वार्षिक औसतन पीएम 2.5 के मुताबिक दिल्ली के 13 परंपरागत हाट स्पाट का प्रदूषण (माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में)

    जगह 2020 2021 2022
    जहांगीरपुरी 122 138 127
    आनंद विहार 125 128 124
    मुंडका 115 125 117
    पंजाबी बाग 110 116 115
    बवाना 110 120 115
    वजीरपुर 95 120 115
    नरेला 100 118 111
    रोहिणी 112 115 110
    आरके पुरम 85 108 103
    अशोक विहार 90 120 104
    ओखला फेज-2 90 100 94
    पुसा 80 96 92
    मंदिर मार्ग 70 110 87

    नए हॉट स्पॉट की स्थिति

    जगह 2020 2021 2022
    नेहरु नगर 100 115 118
    एनएसआईटी द्वारका 80 92 118
    लोधी रोड 120 90 118
    विवेक विहार 110 117 113
    पटपड़गंज 85 118 109
    अलीपुर 98 111 104
    सोनिया विहार 90 130 103
    आईटीओ 120 132 102

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