नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दीपावली की रात आग लगने से 50 प्रतिशत जलने के बाद लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराए गए राजेश साहनी (54) के लापता होने का मामला सामने आया है। गायब व्यक्ति के मौसेरे भाई राजू सरदाना द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हैरानी जताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को व्यक्ति की तलाश कर अदालत के समक्ष 30 नवंबर को पेश करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार समेत 2 अन्य अस्पतालों को भी नोटिस
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की पीठ ने साथ ही दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत ने साथ ही दिल्ली सरकार, बाबू जगजीवन राम अस्पताल और एलएनजेपी अस्पताल से भी जवाब मांगा।
बाबू जगजीवन से रेफर किया गया था LNJP अस्पताल
24 अक्टूबर को आग जलने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची माडल टाउन थाना पुलिस की पीसीआर टीम उनके भाई को लेकर पहले जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल लेकर गई। यहां स्थिति को बहुत खराब बताते हुए एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
भाई के नाम पर था कोई और भर्ती
राजेश के जलने की सूचना मिलने पर उनकी मौसेरी बहन मुक्ता सूद 26 अक्टूबर को पहले बाबू जगजीवन राम अस्पताल गई और वहां उन्हें जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर विरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके भाई को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब वह एलएनजेपी अस्पताल में पहुंची तो उन्हें बताया गया कि उनके भाई के नाम के किसी व्यक्ति को भर्ती नहीं किया गया है। यह उनके लिए चौंकाने वाली बात है।
भाई की तलाश करने अमेरिका से आना पड़ा
राजेश के गुम होने के संबंध में वेस्ट पटेल नगर निवासी मुक्ता ने अमेरिका में नौकरी कर रहे अपने भाई राजू सरदाना को बताया तो वह अमेरिका से भारत आए। इससे पहले मुक्ता ने पुलिस को शिकायत दर्ज करा दी थी। राजू सरदाना ने अधिवक्ता सुनील कुमार तिवारी के माध्यम से याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पुलिस उनके भाई को तलाशने में नाकाम रही है और पूरी ड्यूटी नहीं निभा रही है।
तीन बहनों की कोरोना से जा चुकी है जान
यह भी आरोप लगाया कि राजेश की स्थिति के बारे में सूचित करने के बजाय पुलिस एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में छोड़कर चली गई। याचिका में कहा गया है कि पुलिस मामले को छिपाने का काम कर रही है। सब इंस्पेक्टर से कई बार संपर्क किया, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं दिया। याचिका के अनुसार राजेश की तीन बहनों की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई थी और इसके बाद से वह विजय नगर में अकेले रह रहे थे।
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