Delhi Liquor Policy: दिल्ली में देशी शराब के शौकीनों को नहीं होगी समस्या, सरकार ने दुकानदारों को दो माह का विस्तार दिया
Delhi Liquor Policy दिल्ली सरकार ने देशी शराब बेचने वाले विक्रेताओं को 2 महीने का विस्तार दिया है जबकि विदेशी शराब बेचने वालों को मात्र एक माह का विस् ...और पढ़ें

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली सरकार ने देशी शराब की दुकानों के लाइसेंस दो महीने के लिए और बढ़ा दिए हैं। अब ये लाइसेंस 30 सितंबर तक मान्य होंगे। सरकार की ओर से ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अभी देशी शराब की नई दुकानों के लिए टेंडर नहीं निकाले गए हैं। जो टेंडर निकाले भी गए थे उनको अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
हाल के महीनों में देशी शराब लाइसेंस के लिए दो बार टेंडर निकाले गए थे। पहली बार निविदा पर्याप्त संख्या में बोली लगाने वालों को आकर्षित करने में विफल रही, जबकि आबकारी विभाग ने दूसरी बार यह पता लगाने के बाद इसे रद्द कर दिया कि बोली कम रखने के लिए बोली लगाने वाले "पूलिंग" कर रहे हैं।
इस बीच, दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल वी के सक्सेना की मंजूरी के लिए रविवार को एक महीने का विस्तार दिए जाने के बावजूद भारतीय और विदेशी शराब ब्रांड बेचने वाली दुकानें बंद रहेंगी। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने शनिवार को जारी एक आदेश में शहर में 250 से अधिक देशी शराब की दुकानों के लाइसेंस बढ़ा दिए।
एलजी के आदेश के बाद खुलेंगी दुकानेंं
मामले में अधिकारियों का कहना है कि, सरकार ने मौजूदा शराब की दुकानों के लाइसेंस को एक महीने के लिए यानि 31 अगस्त तक बढ़ाने के लिए कैबिनेट का फैसला उपराज्यपाल को भेज दिया है। 31 जुलाई के बाद शराब की दुकानों को खुले रहने की अनुमति देने के आदेश एलजी की मंजूरी के बाद जारी किए जाएंगे।
दिल्ली सरकार ने पुरानी आबकारी व्यवस्था को वापस लाने और अपनी एजेंसियों के माध्यम से शराब की दुकान चलाने का फैसला किया है। सरकार की आबकारी नीति 2021-22 अधिक राजस्व प्राप्त करने के वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं थी। शराब के सरकारी स्टोर एक सितंबर से छह महीने की अवधि के लिए खुलेंगे और तब तक निजी दुकानें चलती रहेंगी।
पुरानी आबकारी नीति लाने की घोषणा
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने शनिवार को पुरानी आबकारी व्यवस्था को वापस लाने और छह महीने के लिए खुद स्टोर चलाने की घोषणा की। आबकारी नीति 2021-22 के तहत शहर में 468 खुदरा शराब की दुकानें चल रही थीं, जिनके लाइसेंस 31 जुलाई के बाद समाप्त हो गए। दिल्ली में कई शराब की दुकानें छूट के माध्यम से स्टॉक बेचने के बाद बंद कर दी गईं।

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