Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल ने बताया कि कौन है राजधानी का मालिक? सुनकर चौंक जाएंगे आप
Delhi LG Vinai Kumar Saxena जब से दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पदभार संभाला वह राजधानी की सड़कों पर नजर आ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी बता दिया कि दिल्ली का मालिक कौन है?

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पदभार संभालने के लगभग दो सप्ताह के दौरान उपराज्यपाल अपने कहे अनुसार राजनिवास से ज्यादा सड़कों पर ही नजर आ रहे हैं। वह न सिर्फ हर समस्या और प्रमुख परियोजनाओं की जानकारी ले रहे हैं बल्कि अधिकारियों और राजनेताओं से भी लगातार मिल रहे हैं। इस बीच उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राजधानी का प्रत्येक व्यक्ति दिल्ली का मालिक है।
शहर की समस्याओं के प्रति चिंतित होकर उनका समाधान ढूंढना भी उन सभी का हक है। यह जिम्मेवारी उन लोगों के लिए और ज्यादा है जो सत्ता के विभिन्न स्थानों पर बैठें हुए हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि सुशासन और विकास के लिए सरकार की एजेंसियों के बीच समन्वय को लेकर वे कार्य करते रहेंगे।
गौरतलब है कि विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी समस्याओं के साथ- साथ दिल्ली से संबंद्ध मुद्दों, चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर अब तक उपराज्यपाल 40 विधायकों के साथ चार अलग-अलग बैठकें कर चुके हैं। ऐसी ही कुछ और बैठकें भी निर्धारित हैं।
सूत्र बताते हैं कि इन बैठकों में कई कई बार के विधायकों ने भी इसे सराहा है कि ऐसा पहली बार कोई उपराज्यपाल विधायकों से मिलने और उनसे संवाद करने की पहल कर रहा है। कई विधायक, जिन्होंने अपने क्षेत्र की समस्याओं का जिक्र किया, उनके लिए उनका तत्काल निदान भी उनके लिए सुखद आश्चर्य से कम नहीं था। इन विधायकों ने इसके लिए उपराज्यपाल को अलग से सूचित कर धन्यवाद भी दिया।
सूत्रों के मुताबिक विधायकों के साथ इस चर्चा में पहले दिन से ही उपराज्यपाल का लक्ष्य रहा कि दिल्ली के समुचित और समावेशी विकास एवं दिल्लीवासियों की सामूहिक भलाई के लिए सभी संबंधित राजनीति से उठकर समेकित प्रयास करें। विधायकों के साथ बैठकों में उपराज्यपाल ने यह भी निरंतर स्पष्ट किया कि दिल्ली के विकास के लिये वे मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करेंगे और कई अवसरों पर उनसे इस विषय पर विस्तृत चर्चा कर भी चुके हैं।
इन बैठकों में ज्यादातर विधायकों ने एलजी के जमीनी, स्पष्टवादी और कार्यशैली से सहमति एवं संतुष्टि जताई। जहां कहीं टकराव की स्थिति बनी भी तो उपराज्यपाल ने टकराव को हवा देने के बजाय आपसी सहयोग पर दिया जोर दिया। वह लगातार यही कहते रहे हैं कि उनकी भूमिका समन्वयक की होगी। वह ये भी सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली में सुशासन और विकास के लिए अंतरविभागीय और सरकार की विभिन्न एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय के साथ सबको साथ लेकर कार्य आगे बढ़ता रहे।
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