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    दिल्ली के LG ने रसोइया के पद पर काम करने वाले कर्मियों की सैलरी बढ़ाने का दिया निर्देश, 2014 से लड़ रहे थे कानूनी लड़ाई

    By V K Shukla Edited By: Geetarjun
    Updated: Sun, 28 Jan 2024 12:03 AM (IST)

    उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को रसोइया के पद पर काम करने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत संशोधित वेतनमान देने के हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने का निर्देश दिया है। ये कर्मचारी वर्ष 2014 से इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस मामले में फरवरी 2016 में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (सीएटी) द्वारा रसोइयों के पक्ष में फैसला सुनाया गया था।

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    दिल्ली के LG ने रसोइया के पद पर काम करने वाले कर्मियों की सैलरी बढ़ाने का दिया निर्देश।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को रसोइया के पद पर काम करने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत संशोधित वेतनमान देने के हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने का निर्देश दिया है। ये कर्मचारी वर्ष 2014 से इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

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    राजनिवास के अनुसार, इस मामले में फरवरी 2016 में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (सीएटी) द्वारा रसोइयों के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। जिसके बाद दिल्ली सरकार सीएटी के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चली गई थी। हाईकोर्ट द्वारा पिछले वर्ष जनवरी में रसोइयों के पक्ष में फैसला सुनाए जाने तक यह मामला मुकदमेबाजी में फंसा रहा।

    एलजी दफ्तर के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तब भी दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं किया, जिससे रसोइयों को अवमानना याचिका दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद सरकार ने आखिरकार इस फाइल को जनवरी 2024 में उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा।

    फाइल को मंजूरी देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि विभाग को अपने कर्मचारियों की जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए था और मुकदमों पर अनावश्यक देरी और खर्च से बचना चाहिए था।

    एलजी ने विभाग को मुकदमेबाजी की लागत का आकलन करने और मामले में देरी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की पहचान कर उन पर 15 दिन के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने रसोइया पद पर कार्यरत कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान देने के छोटे मुद्दे से निपटने में समाज कल्याण विभाग के रवैये पर हैरानी जताई।

    बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने विभाग को मई 2014 से प्रभावी सातवें केंद्रीय वेतन आयोग वेतन मैट्रिक्स का ई लेवल 2 (19900-63200 रुपये ) संशोधित वेतनमान देने के लिए निर्देशित किया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि रसोइया पद पर कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में आदेश प्रभावकारी होगा। लेकिन इसका पालन नहीं करने पर कर्मचारियों ने विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर की थी।

    उपराज्यपाल ने अफसोस जताते हुए कहा कि असहाय रसोइयों के पास विभाग के उदासीन रवैये के कारण अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। उपराज्यपाल ने कहा कि सेवा और श्रम विभाग ने 2015 में ही राय दी थी कि दिल्ली सरकार के विभिन्न दिशा-निर्देशों के अनुसार रसोइया के पद को कुशल श्रमिक माना जाता है।