Delhi: BJP पर AAP विधायकों को खरीदने के लगाए आरोपों की CBI जांच की मांग, दिल्ली HC में जनहित याचिका दाखिल
दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी द्वारा भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया था कि BJP आप विधायकों को खरीदने का प्रयास कर रही है।

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली के एक अधिवक्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप, AAP) नेताओं द्वारा भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया था कि BJP आप विधायकों के सामने 800 करोड़ रुपये की पेशकश कर उन्हें अपने में शामिल कर रही है।
न्यूज एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, दिल्ली के अधिवक्ता नवीन जिंदल ने सीबीआइ के निदेशक सुबोध जायसवाल को संबोधित एक पत्र में कहा है कि कुछ आम आदमी पार्टी के विधायकों ने मीडिया में भी कहा था कि उनके पास ऐसे सबूत हैं, जिससे वो साबित कर सकते हैं कि उन्हें भाजपा ने खरीदने की कोशिश की थी। लेकिन उन्होंने कुछ भी साझा करने से मना कर दिया था।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि इस तरह के आरोप भाजपा के खिलाफ लगे हैं। इससे पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा पर उनके विधायकों को खरीदने के आरोप लगा चुके हैं।
आजकल, विपक्षी दल को बदनाम करने के लिए राजनीतिक दलों के दलबदल के आरोप का उपयोग करना और झूठी, नकारात्मक राय देकर और विपक्ष की गलत बयानी देकर अन्य दलों पर राजनीतिक लाभ हासिल करना आम बात है। लोकतंत्र लोगों की सरकार है, जो लोगों के लिए और लोगों द्वारा चुनी होती है। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि राजनीतिक दल दूसरे दलों को बदनाम करने के लिए झूठे आरोपों का इस्तेमाल करते हैं।
मतदाताओं को सच्चाई के बारे में पता होना चाहिए और क्या ऐसे आरोप सही हैं या झूठे वास्तविक तथ्यों को जनता के सामने लाने के लिए जांच की जानी चाहिए ताकि मतदाता भ्रमित न हो सकें।
अधिवक्ता ने कहा कि ये आरोप बहुत गंभीर हैं और अरविंद केजरीवाल द्वारा भाजपा के खिलाफ लगाए गए आरोपों के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है। "एक सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली का मतदाता होने के नाते, मैं इसलिए आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रत्येक मतदाता के अधिकारों की रक्षा और सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान मामले की जांच करें। उन्हें राजनीतिक दल के आरोपों से संबंधित सही तथ्यों को जानने का अधिकार प्रदान करें।"
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