Delhi News: बॉर्डर पर नया बस अड्डा बनने से सुधरेंगे कश्मीरी गेट ISBT के हालात, LG की मिली मंजूरी
Delhi ISBT Update कश्मीरी गेट आईएसबीटी को हटाने की अटकलों पर विराम परिवहन विभाग ने दी सफाई। अंतर्राज्यीय रूटों पर चलने वाली जम्मू हिमाचल हरियाणा पंजाब ...और पढ़ें

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर गत दिनों हुई एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक के बाद से कश्मीरी गेट आईएसबीटी हटाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। मगर परिवहन विभाग ने साफ किया है कि इस आईएसबीटी हटाया नहीं जाएगा बल्कि यहां बसों का दबाव कम किया जाएगा।
इसके लिए अंतर्राज्यीय रूटों पर चली रहीं जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब चार राज्यों की बसें इस आईएसबीटी में नहीं आएंगी। योजना के तहत इसके लिए बाहरी पश्चिमी दिल्ली में स्थित टीकरी बॉर्डर पर नया आईएसबीटी बनेगा। परिवहन विभाग का आंकलन है कि इससे इस आईएसबीटी पर बसों और यात्रियों का दबाव आधा रह जाएगा।
काफी पुराना है यह बस अड्डा
महाराणा प्रताप कश्मीरी गेट अन्तर्राज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) 1976 से चल रहा है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े अन्तर्राज्यीय बस अड्डों में से एक है। यह लगभग 13 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां से जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब के साथ साथ उत्तर प्रदेश के कुछ शहराें के साथ साथ उत्तराखंड के लिए भी बसें आवागमन करती हैं। इसके अलावा शहर के लिए सिटी बस सेवा की भी बसें यहां से चलती हैं।
हर दिन डेढ़ लाख लोग करते हैं आवागमन
ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली विभिन्न शहरों के लिए जाने वाली निजी बसें भी यहां से चलती हैं। कुल मिलाकर वर्तमान में इस आईएसबीटी से प्रतिदिन 2600 से अधिक बसों का संचालन होता है। इसमें करीब 1300 इंटरस्टेट बसें, 1200 डीटीसी व क्लस्टर बसें और लगभग 100 ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसें शामिल हैं। यहां से प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक लोग आवागमन करते हैं।
यातायात की समस्या है गंभीर
यहां भारी आवागमन के चलते इस इलाके में यातायात की गंभीर समस्या बनी हुई है। इसकी वजह से आसपास के दूसरे क्षेत्रों जैसे पुल बंगश, सब्जी मंडी, आजाद मार्केट, सदर बाजार और मलका गंज का यातायात भी प्रभावित होता है।
टीकरी बॉर्डर पर बस अड्डे की मिली अनुमति
यहां का दबाव कम करने के लिए टीकरी बॉर्डर पर जिस नए आईएसबीटी को बनाया जाना है। वहां सात एकड़ में नया बस अड्डा बनेगा। उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने इसकी अनुमति दे दी है। इसके बाद परिवहन विभाग ने इसके लिए जमीन हासिल करने के लिए लोक निर्माण विभाग काे पत्र लिखा है।
यह जमीन लाेक निर्माण विभाग की है। परिवहन विभाग का मानना है कि चार राज्यों की बसें कश्मीरी गेट नहीं आने से सड़कों पर भी दबाव कम होगा और पूरे कश्मीरी गेट इलाके में यातायात दबाव कम हो जाएगा।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भविष्य में इस आईएसबीटी से दूसरे राज्यों के लिए चलने वाली आल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली सभी बसें यहां से ही चलाए जाने की योजना है।जिससे दिल्ली में जगह जगह से इन बसाें का संचालन बंद किया जाएगा।

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