साल का पहला दिन, कार से 26 KM घसीटा और अंजलि की दर्दनाक मौत... एक जनवरी को सिहर उठा था पूरा देश; पढ़ें कंझावला कांड की पूरी घटना
पूरे देश को झकझोर देने वाले कंझावला कांड को एक साल पूरा हो गया। पिछले साल 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात के बीच हुए इस हादसे के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आईं। पुलिस ने अपनी जांच में बताया है कि अंजलि को 12-13 नहीं 26 किलोमीटर तक घसीटा गया था। पूरे दो घंटे अंजलि कार के नीचे फंसी रही।

शमसे आलम, बाहरी दिल्ली। पूरे देश को झकझोर देने वाले कंझावला कांड को एक साल पूरा हो गया। पिछले साल 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात के बीच हुए इस हादसे के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आईं। हादसे के काफी दिन बाद तक यही बताया जा रहा था कि कार में फंसी अंजलि को 12-13 किलोमीटर तक घसीटा गया, लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में बताया है कि अंजलि को 12-13 नहीं, 26 किलोमीटर तक घसीटा गया था। पूरे दो घंटे अंजलि कार के नीचे फंसी रही। पुलिस ने अपनी जांच में बाकायदा यह भी बताया है कि आरोपित कार को कहां-कहां लेकर गए।
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करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपित चालक घटनास्थल से जौंती तक सीधे नहीं गए थे, बल्कि कई रुट बदले। सीसीटीवी फुटेज से जांच अधिकारियों को पता चला कि अंजलि को टक्कर मारते ही कार कंझावला रोड पर आई।
फिर दो किलोमीटर की दूरी पर अमन विहार पुलिस थाना रोड से सुल्तानपुरी-रोहिणी रोड पर पहुंची। फिर आरोपित कार लेकर वापस कंझावला रोड पर आ गए। यहां से बेमगपुर, कराला, कंझावला,जौंती होते हुए कटेवड़ा तक गए। वापस कंझावला चौक पर पहुंचे। यहां से फिर जौंती के पास आकर अंजलि को कार से निकाल फरार हो गए। इस दौरान 26 किलोमीटर तक आरोपित अंजलि को घसीटते रहे, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
इसलिए दो घंटे तक कार में फंसी रही अंजलि
कार कई गड्ढों व उबड़-खाबड़ सड़कों से होकर गुजरी थी। फिर कार में फंसी अंजलि आखिर कार से अगल क्यों नहीं हुई। यह सवाल जांच टीम के साथ-साथ सभी को परेशान कर रही थी। इस गुत्थी को सुलझाने के लिए गुजरात से नेशनल फारेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से 10 सदस्यीय टीम आई थी। इस टीम ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर क्राइम सीन रिक्रिएट किया।
बलेनो कार के नीचे डमी डालकर, उस अंदाज में कार चलाई गई, जिस तरह आरोपित ने चलाई थी। टीम ने बताया कि एक्सल टी राड जो एक्सल व स्टेयरिंग को जोड़ती है। इसके बीच एक खाली गैप होता है, जिसमें अंजलि का पैर बुरी तरह से फंस गया था। यही कारण रहा कि 26 किलोमीटर तक कार दौड़ती रही, फिर भी अंजलि कार से अलग नहीं हुई।
एक सीसीटीवी फुटेज के बाद जोड़ी गई हत्या की धारा
जांच टीम को एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा, जिसने केस की दिशा ही बदल दी। घटनास्थल के करीब 500 मीटर की दूरी पर कैद एक सीसीटीवी फुटेज में एक कार रुकती हुई दिखती है, फिर पीछे की सीट पर बैठा दो शख्स व चालक कार से बाहर आते हैं।
अंजलि को कार में फंसा हुआ भी देखते हैं, फिर भी अंजलि को निकालने के बजाय, कार भगाने लगते हैं। इस सीसीटीवी फुटेज हाथ लगते ही कार सवार चारों आरोपित के खिलाफ पहले से दर्ज धाराओं में हत्या की धारा जोड़ दी गई।
हादसे वाले दिन कार में अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन मौजूद थे। चारों अभी जेल में हैं। शेष तीन आरोपित जमानत पर हैं।
एक साल में एक भी मांग नहीं हुई पूरी
अंजलि की मां रेखा ने बताया कि एक साल में एक भी मांग पूरी नहीं हुई। न मेरे भाई को सरकारी नौकरी ही मिली, नहीं मेरे तीनों बच्चों को किसी निजी स्कूल में दाखिला मिला। रेखा ने सरकार से खुद के लिए नौकरी देने का आग्रह किया है। रेखा ने मुख्य आरोपित के लिए फांसी की सजा की मांग भी दोहराई।
रेखा ने बताया कि आठ साल पहले पति की मौत के बाद अंजलि को मजबूरन नौकरी करनी पड़ी। थोड़े-थोड़े पैसे जोड़कर बहनों की शादी की। पूरे घर की जिम्मेदारी अंजलि के कंधों पर थी। अंजलि के जाने के बाद मदद के तौर पर दिल्ली सरकार ने 10 लाख रुपए मिले।
इसी पैसे से बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर का खर्च चल रहा है। आखिर कब तक इसपर निर्भर रहूंगी। सप्ताह में तीन दिन डायलिसिस कराती हूं। दवाइयों पर हर महीने हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं।
- 800 पेज की चार्जशीट
- 120 गवाह
- 1 साल में तीन की गवाही
जांच टीम में मुख्य रूप से ये अधिकारी रहें शामिल
उस समय के बाहरी जिला पुलिस उपायु्क्त रहे हरेंद्र सिंह की निगरानी में मुख्य रूप से, एसीपी राजवीर मलिक, इंस्पेक्टर रजनीश कुमार, इंस्पेक्टर सुखबीर मलिक, एसआई योगेश और एएसआई राजकुमार शामिल रहे।
कब, क्या हुआ?
- 31 दिसंबर 2022 रात करीब दो बजे कार ने अंजलि की स्कूटी में टक्कर मारी
- 1 जनवरी 2023 को अंजलि के शव की जानकारी मिली, मुकदमा दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया
- 2 जनवरी को अंजलि को कार से घसीटने के सीसीटीवी फुटेज सामने आए
- 5 जनवरी को पुलिस ने दावा किया कि इस मामले में पांच नहीं सात आरोपी है, आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार किया07 जनवरी को अंकुश खन्ना को आरोपित को छिपाने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसी दिन जमानत मिल गई।
- 13 जनवरी को तीन पीसीआर वैन व दो पिकेट पर तैनात 11 पुलिस कर्मी सस्पेंड
- 17 जनवरी 2023 कार में मौजूद चार आरोपित के खिलाफ हत्या की धारा जोड़ी गई।

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