दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में भूजल दोहन, दिल्ली जल बोर्ड ने एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट
दिल्ली जल बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध बोरवेल और पर्यावरणीय उल्लंघनों की जांच का अधिकार केवल डीएसआईडीसी को है। जल बोर्ड ने कहा कि नरेला और बवाना में जल वितरण डीएसआईडीसी के अधीन है और निरीक्षण के प्रयास में कारखाना मालिकों ने सहयोग नहीं किया। यह जवाब वरुण गुलाटी की शिकायत के जवाब में दाखिल किया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। औद्योगिक क्षेत्रों में भूजल दोहन के संबंध में, दिल्ली जल बोर्ड ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि केवल डीएसआईडीसी ही अवैध बोरवेल और अन्य पर्यावरणीय उल्लंघनों के लिए निरीक्षण कर सकता है।
जल बोर्ड ने कहा कि नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्रों में जल और सीवेज वितरण नेटवर्क डीएसआईडीसी का है। डीजेबी ने कहा कि उसकी टीम ने क्षेत्र में निरीक्षण करने का प्रयास किया, लेकिन कारखाना मालिकों ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
डीजेबी ने कहा कि क्षेत्र में जल या सीवेज नेटवर्क में उसकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए, आगे कोई भी निरीक्षण केवल डीएसआईडीसी द्वारा ही किया जा सकता है। डीजेबी ने यह जवाब आवेदक वरुण गुलाटी के आवेदन के जवाब में दाखिल किया, जिन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध बोरवेल और नालियों में छोड़े जा रहे रासायनिक पानी के साथ-साथ जींस रंगाई इकाइयों की शिकायत की थी।
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