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    Delhi: सौर ऊर्जा में दिल्ली पड़ोसी राज्यों से बहुत पीछे, सोलार एनर्जी पर तेजी से काम करने की जरूरत

    By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 11 May 2023 11:48 PM (IST)

    राजधानी में लगातार बढ़ रही है बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। वर्ष 2025 तक कुल खपत का 25 प्रतिशत सौर ...और पढ़ें

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    वर्ष 2025 तक कुल खपत का 25 प्रतिशत सौर ऊर्जा से पूरा करने का लक्ष्य है।

    नई दिल्ली, संतोष कुमार सिंह। राजधानी में लगातार बढ़ रही है बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। वर्ष 2025 तक कुल खपत का 25 प्रतिशत सौर ऊर्जा से पूरा करने का लक्ष्य है।

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    इसके लिए अगले तीन वर्षों में छह हजार मेगावाट की क्षमता का सौर ऊर्जा आधारभूत ढांचा स्थापित करने की घोषणा की गई है, लेकिन जिस गति से काम चल रहा है उससे इस लक्ष्य को प्राप्त करना आसान नहीं है। दिल्ली की तुलना में पड़ोसी राज्य हरियाणा व उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के आधारभूत ढांचे पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

    रूफटाप सोलर पैनल से 750 मेगावाट का लक्ष्य

    सौर ऊर्जा के लिए विकसित होने वाले आधारभूत ढांचे में 750 मेगावाट का रूफ टाप सोलर शामिल है। शेष अन्य स्थानों पर सोलर पैनल लगेंगे। अभी दिल्ली में कुल क्षमता का 99 प्रतिशत सौर ऊर्जा रूफटाप सोलर पैनल से मिलती है।

    केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार मार्च तक दिल्ली में सौर ऊर्जा की क्षमता मात्र 218 मेगावाट है। इसकी तुलना में हरियाणा में दोगुना से ज्यादा रूफटाप सोलर पैनल लगाए गए हैं। उत्तराखंड भी दिल्ली से आगे है। खुली जमीन व अन्य स्थानों पर सोलर पैनल लगाने की तो दिल्ली में अभी शुरुआत ही हुई है।

    तीन प्रतिशत से भी कम सौर ऊर्जा का होता है उत्पादन

    पिछले वर्ष गर्मी में राजधानी में बिजली की अधिकतम मांग 7695 मेगावाट तक पहुंच गई थी। कुल मांग की तुलना में सिर्फ 16.65 प्रतिशत बिजली दिल्ली के अपने संयंत्रों से मिलती है। वहीं, अधिकतम मांग पूरी करने में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत से भी कम है।

    नई सौर ऊर्जा नीति का इंतजार

    नई सौर ऊर्जा नीति का मसौदा लोगों के सुझाव के लिए रखा गया है। जल्द ही इसे अंतिम रूप देने की उम्मीद है।

    राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-            सौर्य ऊर्जा की क्षमता (मेगावाट)

    • दिल्ली                                                   - 218.26
    • हरियाणा                                                 - 1029.16
    • उत्तर प्रदेश                                            - 2515.22
    • उत्तराखंड                                                -575.53
    • हिमाचल प्रदेश                                         -87.49
    • जम्मू कश्मीर                                             -49.44
    • लदाख                                                      -7.80
    • पंजाब                                                      -1167.26
    • राजस्थान                                                  -17055
    • चंडीगढ़                                                    -58.69