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Delhi: छात्रों का दावा- IP कॉलेज के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 15 कार्यकर्ता, पुलिस का इनकार

Indraprastha College News ये छात्र अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कॉलेज के गेट के बाहर जुटे थे। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था और कॉलेज के गेटों पर बैरिकेडिंग की गई थी।

By AgencyEdited By: Abhishek TiwariPublished: Mon, 03 Apr 2023 02:23 PM (IST)Updated: Mon, 03 Apr 2023 02:23 PM (IST)
Delhi: छात्रों का दावा- IP कॉलेज के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 15 कार्यकर्ता

नई दिल्ली, पीटीआई। छात्रों के एक समूह ने आज सोमवार को दावा किया कि उनके लगभग 15 कार्यकर्ताओं को इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज (आइपी) के बाहर से हिरासत में लिया गया था, जहां वे पिछले सप्ताह एक फेस्ट के दौरान छात्राओं से कथित उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने छात्रों के आरोप को खारिज किया है।

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बता दें कि ये छात्र अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कॉलेज के गेट के बाहर जुटे थे। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था और कॉलेज के गेटों पर बैरिकेडिंग की गई थी।

छात्रसंघ की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अभिज्ञान ने आरोप लगाया है कि आइसा के करीब 15 कार्यकर्ताओं को कॉलेज गेट से हिरासत में लिया गया और उन्हें बुराड़ी थाने ले जाया गया। वहीं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने छात्रों के इस आरोप से इनकार किया है। अधिकारी ने बताया कि करीब 10-15 प्रदर्शनकारी कॉलेज गेट के बाहर जमा हुए थे। उन्हें वहां से शांतिपूर्वक हटा दिया गया था। इस दौरान किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज (आइपी) में हुए फेस्ट के दौरान छात्राओं से अभद्रता के विरोध में बीते बुधवार को छात्राओं ने प्रदर्शन किया था। छात्राएं सुबह 11 बजे कॉलेज के गेट पर एकत्र हुईं थीं। इस दौरान उन्होंने कॉलेज प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते हुए छात्राओं को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी। इस दौरान कथित तौर पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कई छात्राओं को हिरासत में लिया था। इसके बाद सभी को बुराड़ी थाने ले जाया गया, जहां से बाद में सभी को छोड़ दिया गया। पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ छात्राओं ने चोट लगने का दावा भी किया था।

दिल्ली महिला आयोग ने लिया संज्ञान

मामले में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में पुलिस ने एक दिन पहले ही एफआइआर दर्ज कर ली थी। आइपी कॉलेज में 27 और 28 तारीख को दो दिवसीय फेस्ट श्रुति का आयोजन किया गया था। दूसरे दिन कार्यक्रम देखने के लिए बड़ी संख्या में छात्राएं पहुंची थीं। शाम को छात्राओं की संख्या अधिक हो गई। भीड़ में फंसने से कुछ छात्राओं को चोटें भी आईं। इसी दौरान कुछ बाहरी लड़के वहां पहुंच गए। छात्राओं का आरोप है कि लड़के दीवार फांदकर कॉलेज कैंपस में प्रवेश कर गए।

उन्होंने परिसर के बाहर और अंदर छात्राओं से छेड़छाड़ की। इसका विरोध करने छात्र संगठन आइसा के बैनर तले छात्राएं कॉलेज के प्रवेश गेट पर एकत्र हुईं थीं। एक छात्रा ने बातचीत में बताया कि फेस्ट के दौरान कॉलेज की ओर से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। एक गार्ड के भरोसे सुरक्षा व्यवस्था छोड़ दी गई थी। इसलिए उपद्रव हुआ। इसका विरोध हम शांतिपूर्ण तरीके से जता रहे थे। लेकिन, पुलिस ने बर्बरतापूर्वक छात्राओं को हटा दिया। इस दौरान कई छात्राओं को नाखून से चोट लग गई।

विरोध कर रहीं छात्राओं ने कहा कि इससे पहले भी मिरांडा हाउस कॉलेज में उपद्रवी तत्वों ने छात्राओं से छेड़छाड़ की थी। हमारी मांग है कि महिला कॉलेजों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएं। मामले में शामिल दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो।

प्रदर्शन की नहीं ली थी अनुमति

पुलिस छात्राओं के प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने बयान जारी किया था। पुलिस ने कहा था कि आइसा की कार्यकर्ता आइपी कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन कर रहीं थीं। उनके पास प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी। उन्हें कॉलेज परिसर के बाहर से हटने के लिए कहा गया था। नहीं मानने पर उन्हें वहां से शांतिपूर्ण तरीके से हटा दिया गया है। पुलिस गाड़ियों के जरिये उन्हें थाने ले जाया गया जहां से छोड़ दिया गया। कुल 26 कार्यकर्ताओं को हटाया गया।

आइपी कॉलेज ने मामले की जांच के लिए बनाई समिति

आइपी कॉलेज ने छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में जांच के लिए समिति का गठन किया है। जो छात्राओं से बातचीत करने के बाद रिपाार्ट प्राचार्य को सौंपेगी। इसकी जानकारी प्राचार्य प्रो. पूनम कुमरिया ने छात्राओं से बातचीत के दौरान दी। छात्राएं उनसे मामले की शिकायत करने पहुंची थीं। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें छात्राएं कह रहीं हैं कि पुलिस घटना वाले दिन नहीं थी। दूसरे दिन कॉलेज परिसर में आई है। प्राचार्य ने छात्राओं से समिति से शिकायत करने को कहा है।


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