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    सरकार बनते ही एक्शन मोड में सीएम रेखा गुप्ता, स्वास्थ्य सेवा के बाद अब इन क्षेत्रों की बारी

    दिल्ली में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल और सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि सीटीआई ने दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर बधाई दी है और साथ ही उम्मीद जताई है कि पिछली सरकार के दौरान व्यापार और उद्योग के जो भी अधूरे काम रह गए थे उन्हें अब पूरा किया जाएगा।

    By Nimish Hemant Edited By: Rajesh KumarUpdated: Sun, 23 Feb 2025 07:48 AM (IST)
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    रेखा सरकार से दिल्ली के उद्योग व व्यापार को बड़ी उम्मीदें । फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सरकार बनी है। अब व्यापारियों की नजर नई रेखा गुप्ता सरकार पर है। दिल्ली में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल और सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि सीटीआई ने दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर बधाई दी है और साथ ही उम्मीद जताई है कि पिछली सरकार के दौरान व्यापार और उद्योग के जो भी अधूरे काम रह गए थे, उन्हें अब पूरा किया जाएगा।

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    व्यापारियों का 60 लाख वोटों पर अधिकार

    दिल्ली में नौ लाख दुकानों और दो लाख औद्योगिक इकाइयों से जुड़े करीब 20 लाख उद्यमी और व्यापारी हैं। अपने परिवार के सदस्यों की संख्या जोड़कर व्यापारियों का 60 लाख वोटों पर अधिकार है। बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के 90 फीसदी वोट भाजपा को गए हैं, इसलिए अब व्यापारियों को भाजपा सरकार से ज्यादा उम्मीदें हैं।

    दिल्ली के व्यापारियों और उद्यमियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों पर भरोसा है। अब अगर डबल इंजन की सरकार बनेगी और गंभीरता से काम होगा तो राष्ट्रीय राजधानी में विकास होगा। बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास कार्यों में अड़चन नहीं आएगी।

    पिछली सरकार में दिल्ली छोड़ गई कंपनियां

    पिछली सरकार के शासनकाल में दिल्ली की फैक्ट्रियों में बिजली की दरें नोएडा, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, ट्रोनिका सिटी, सोनीपत के मुकाबले दोगुनी हो गई थीं। इसके अलावा न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाकर 20 हजार कर दी गई थी, जबकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में न्यूनतम मजदूरी नौ हजार के आसपास है, जिसके कारण पिछले छह साल में 50 हजार फैक्ट्रियां दिल्ली छोड़कर पड़ोसी राज्यों में चली गईं।

    100 करोड़ रुपये की घोषणा

    सीटीआइ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और महासचिव गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि पिछली सरकार के समय पांच बाजारों खारी बावली, कीर्ति नगर, सरोजिनी नगर, कमला नगर, लाजपत नगर में ढांचागत सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी।

    इसके अलावा गांधी नगर बाजार के लिए 100 करोड़ रुपये अलग से घोषित किए गए थे। इसी तरह शॉपिंग फेस्टिवल कागजों तक ही सीमित रह गया, दिल्ली बाजार पोर्टल पर कोई काम नहीं हुआ। औद्योगिक क्षेत्र फ्रीहोल्ड नहीं हो पाए। फैक्ट्री मालिकों को महंगी बिजली झेलनी पड़ी।

    वहीं लघु उद्योग भारती के महासचिव मुकेश अग्रवाल ने नई सरकार को बधाई देते हुए कहा कि अब दिल्ली के लघु एवं मध्यम उद्योग अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे। फ्री होल्ड और औद्योगिक क्षेत्रों की दुर्दशा पर तत्काल कार्रवाई अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि आवश्यक लाइसेंस अनुमति के लिए एकल खिड़की सुविधा होनी चाहिए। उद्योग मित्र की स्थापना होनी चाहिए।

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