दिल्ली में DDU अस्पताल में बदइंतजामी के भेंट चढ़ा मरीज, व्हीलचेयर से गिरकर हुई मौत
पश्चिमी दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में एक टीबी मरीज की बदइंतजामी के चलते मौत हो गई। मरीज को ओपीडी में इंतजार करते समय हालत बिगड़ी और वह व्हीलचेयर से गिर गया। आरोप है कि अस्पताल कर्मचारियों ने उसे इमरजेंसी में ले जाने की बजाय वहीं छोड़ दिया। घटना का वीडियो बनाने की कोशिश कर रहे लोगों को अस्पताल के सुरक्षा गार्डों ने रोका।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। जिस दिल्ली में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने की दावे करती है, उसी दिल्ली के हरिनगर स्थित डीडीयू अस्प्ताल में गंभीर रूप से बीमार एक मरीज बदइंतजामी की भेंट चढ़कर मौत की नींद में सो गया।
दुख की बात यह है कि जब बेसुध पड़े मरीज को शीघ्र उपचार की जरूरत थी, तब उसे अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाने के बजाय वहीं उसके हाल पर छोड़ दिया गया। अस्प्ताल के सुरक्षागार्ड व अधिकारियों को मरीज की चिंता नहीं बल्कि इस बात की फिक्र थी कि कहीं कोई इस घटना को अपने कैमरे में न कैद कर ले। इस बीच मरीज ने दम तोड़ दिया।
मंगलवार सुबह की है घटना
डीडीयू अस्पताल पश्चिमी दिल्ली का सबसे बड़ा व पुराना सरकारी अस्पताल है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में मरीज उपचार कराने पहुंचते हैं, जिस कारण अस्पताल की ओपीडी के समय रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुबह के समय लंबी कतार लगी रहती है। कतार में प्रतीक्षा करने के दौरान आधा से एक घंटा का समय भी अक्सर लगता है। जानकारी के अनुसार, एक महिला अपने पति को जो कि गंभीर रूप से टीबी संक्रमण से जूझ रहे थे, उनका उपचार के लिए पहुंची।
मरीज की हालत को देखते हुए महिला ने उन्हें ओपीडी हाल के पास पड़े व्हील चेयर पर बैठाया और ओपीडी काउंटर के पास उन्हें इंतजार करने को कहा। महिला अपनी बारी की प्रतीक्षा करती रही। इधर मरीज की तबियत खराब होती रही। लेकिन अस्पताल के न तो किसी सुरक्षा गार्ड या किसी कर्मचारी की नजर इस मरीज पर पड़ी। उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि वे बेसुध हो गए और नीचे गिर पड़े। कुछ देर वहीं अचेत रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
अस्पताल प्रशासन का संवेदनहीन रवैया
इस घटना का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में व्हील चेयर के नीचे फर्श पर मरीज बेसुध नजर आ रहे हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि वे जीवित हैं या नहीं। लेकिन उन्हें अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाने के बजाय वहीं उनके उपर प्लास्टिक सीट डाली जा रही है।
इस बीच कुछ लोग अस्पताल के इस संवेदनहीन रवैये को उजागर करने की कोशिश में जब वीडियो बनाने की कोशिश करता है तो अस्पताल के सुरक्षागार्ड तुरंत एक्टिव मोड में आते हैं और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। वहां आसपास मौजूद लोगों को ऊंची आवाज में बाहर जाने को कहा जाता है।
अस्प्ताल प्रशासन का पक्ष
मरीज गंभीर रूप से टीबी से ग्रस्त थे। उनकी मौत व्हीलचेयर से गिरने पर नहीं बल्कि व्हीलचेयर पर ही हुई है। मौत के बाद वे नीचे गिरे। इस मामले में कहीं कोई लापरवाही नहीं हुई है।
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