दिल्ली में 11 नए और 15 पुराने अस्पतालों की परियोजनाओं को पूरा करने के CM रेखा गुप्ता ने दिए निर्देश
दिल्ली सरकार 11 नए अस्पतालों और 15 मौजूदा अस्पतालों के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा सके। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। वर्तमान में बेड की संख्या मानक से कम है और इन परियोजनाओं के पूरा होने से 16 हजार बेड बढ़ने की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, दिल्ली। दिल्ली सरकार के 11 नए अस्पतालों व 15 वर्तमान अस्पतालों के विस्तार की परियोजनाएं बजट की कमी के कारण लंबे समय से अधूरी पड़ी हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को मुख्य सचिव धमेंद्र और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकर अस्पतालों के उन परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को अस्पतालों की परियोजनाएं जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। ताकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बेड बढ़ाए जा सकें।
बैठक के बाद उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अस्पतालों में जल्द बेड बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसलिए अधूरे पड़े अस्पतालों का अब तेज गति से निर्माण कार्य चल रहा है। बहुत जल्द ही कुछ अस्पतालों में विशेष स्वास्थ्य सेवाएं मिलना शुरू हो जाएंगी।
निर्माणाधीन अस्पतालों के जल्द पूरा जाने से बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी। इसका लाभ दिल्ली के लोगों को मिलेगा। उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कालेज के परिसर से अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया। बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
अभी अस्पतालों में मानक से है कम बेड उपलब्ध
मौजूदा समय में दिल्ली में 1153 चिकित्सा संस्थानों में कुल 57,686 बेड उपलब्ध है। इसमें से 26,656 बेड निजी अस्पतालों में और 31,030 बेड सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। इनमें केंद्र, दिल्ली सरकार के अस्पतालों के अलावा नगर निगम व सिविक एजेंसियों के अस्पतालों में मौजूद बेड शामिल है। दिल्ली सरकार के 40 अस्पतालों में 14,244 बेड उपलब्ध है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार एक हजार की आबादी पर पांच बेड उपलब्ध होने चाहिए। मौजूदा समय में सरकारी व निजी अस्पतालों को मिलाकर एक हजार की आबादी पर 2.70 बेड ही उपलब्ध है जो मानक से कम है।
11 नए अस्पतालों और 15 वर्तमान अस्पतालों के विस्तार के कार्य में विलंब के कारण पिछले कई वर्षों से ये परियोजनाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। ये परियोजनाएं पूरी होने पर दिल्ली सरकार के अस्पतालों में करीब 16 हजार बेड बढ़ेंगे। नए अस्पतालों की परियोजनाओं में सात आइसीयू अस्पताल की परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें करीब 6800 बेड होंगे।
इनमें से पांच अस्पतालों का काम 80 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इन आईसीयू अस्पतालों को सुपर स्पेशियलिटी (कैंसर, किडनी और मातृ एवं शिशु अस्पताल) में तब्दील करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन चार अन्य अस्पतालों की परियोजनाओं में से दो अस्पतालों का काम करीब 90 प्रतिशत व तीसरे अस्पताल का काम करीब 80 प्रतिशत हो चुका है।
वहीं 15 अस्पतालों के विस्तार परियोजनाओं में से सात परियोजनाओं का 78-99 प्रतिशत तक काम हो चुका है। इनमें से संजय गांधी स्मारक अस्पताल में 362 बेड के ट्रामा सेंटर सहित चार अस्पतालों के विस्तार से संबंधित निर्माण कार्य काफी हद तक पूरा हो चुका है। इनमें चिकित्सा सुविधाएं जल्दी शुरू हो सकती है।
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