हम यहां लोगों के जीवन और आजादी की सुरक्षा के लिए हैं: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि हम अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए मौजूद हैं, लेकिन रेस्टोरेंट को बिल्डिंग बाइ लॉज और मास्टर प्लान के मुताबिक ही काम करना होगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। हौज खास गांव में नियम और कानून को ताक पर रखकर चल रहे रेस्टोरेंट के मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि हम यहां लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मौजूद हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि हमें लोगों के पेशे और रोजी रोटी का भी ख्याल है।
हाई कोर्ट ने कहा कि हम दोनों पक्षों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए यहां मौजूद हैं, लेकिन वहां चल रहे रेस्टोरेंट को बिल्डिंग बाइ लॉज और मास्टर प्लान के मुताबिक ही काम करना होगा। याचिका हौज खास गांव में दमकल विभाग की एनओसी व मास्टर प्लान की अनदेखी कर चल रहे रेस्टोरेंट के खिलाफ लगाई गई है।
याचिका में कहा गया है कि यहां पब व बार भी बिना लाइसेंस के चल रहे हैं, लेकिन इनपर रोक नहीं लगाई जाती है। इतनी संकरी गलियों में यहां व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। आग लगने की स्थिति में यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है।
हाई कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम को साइट प्लान बनाने का निर्देश दिया है जिसमें नियम के मुताबिक गली की चौड़ाई व ऊंचाई की जानकारी और मौजूदा समय में यहां की स्थिति के बारे में बताने के लिए कहा गया है। निगम ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले 19 व्यवसायों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किए गए है।
दिल्ली पुलिस की तरफ से बताया गया कि हौज खास गांव में रोजाना पांच हजार लोग आते हैं और वीकेंड में यहां आने वाले लोगों की संख्या 15 हजार तक पहुंच जाती है। यहां खाने-पीने के लिए करीब 45 रेस्टोरेंट हैं। इनमें से 26 के पास वैध लाइसेंस हैं। आठ ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया है जबकि चार नए आवेदन आए हैं। सात रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के चल रहे हैं।
हाई कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की है कि यहां फायर टेंडर के वाहनों के लिए केवल एक ही प्रवेश व निकास है। निगम और याची को मौके का मुआयना कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।