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अब सीबीआइ करेगी दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई अंकित गुर्जर हत्याकांड की जांच

दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निर्देश दिया है कि मामले की फाइल दिल्ली पुलिस से सीबीआइ को भेजी जाए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी जिसमें सीबीआइ को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 12:13 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 12:13 PM (IST)
अब सीबीआइ करेगी दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई अंकित गुर्जर हत्याकांड की जांच
अब सीबीआइ करेगी दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई अंकित गुर्जर हत्याकांड की जांच

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई अंकित गुर्जर हत्याकांड की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) करेगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को तिहाड़ के कैदी अंकित गुर्जर की कथित हत्या की जांच सीबीआइ को सौंप दी। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निर्देश दिया है कि मामले की फाइल दिल्ली पुलिस से सीबीआइ को भेजी जाए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी, जिसमें सीबीआइ को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

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उधर, अंकित गुर्जर की हत्या मामले में जेल संख्या तीन में तैनात अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। इस मामले में महानिदेशक ने जांच की जिम्मेदारी उप महानिरीक्षक को सौंपी थी। जांच का कार्य पूरा होने के बाद उप महानिरीक्षक ने रिपोर्ट महानिदेशक को सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर अब दोषी पाए गए जेलकर्मियों के खिलाफ जेल प्रशासन जेल कार्मिक नियमावाली के हिसाब से कार्रवाई करेगा। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में इस पूरे प्रकरण से जुड़े सभी ¨बदुओं पर विचार किया गया। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद संभव है कि जेल की सेल व बैरकों में तलाशी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कुछ नए नियम बनाए जा सकते हैं। हालांकि जेल में सीसीटीवी कैमरों के लगने के बाद अब तलाशी की पूरी प्रक्रिया की रिकार्डिंग अपने आप हो जाएगी।

जेल सूत्रों के अनुसार जेल संख्या तीन में अंकित गुर्जर की हत्या के समय तैनात करीब एक दर्जन अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी का आंकलन इस रिपोर्ट में किया गया है। इस दौरान जेल में तैनात कर्मियों व कुछ कैदियों से भी पूछताछ की गई है। रिपोर्ट में इस पर भी चर्चा की गई है कि आखिर जेल संख्या तीन के सभी सीसीटीवी कैमरे घटना के समय क्यों नहीं सही थे।

बता दें कि जेल संख्या तीन में अंकित गुर्जर चार अगस्त को अपने सेल में अचेत अवस्था में मिला था जबकि उसके दो साथी घायल अवस्था में पाए गए थे। जब इस मामले में पीडि़त पक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए जाने लगे तब जेल उपाधीक्षक समेत चार जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया और आठ को जेल संख्या तीन से दूसरे जेल में भेज दिया गया। अंकित गुर्जर के स्वजन ने यह आरोप लगाया था कि जेल अधिकारियों की ओर से अंकित को परेशान किया जा रहा था, क्योंकि जेल अधिकारियों के नियमित रूप से पैसे की बढ़ती मांग को पूरा करने में वह असमर्थ था, इसलिए साजिश के तहत उसकी हत्या कर दी गई।


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