नोटबंदी: जनहित याचिका पर 8 दिसंबर को HC में होगी सुनवाई
नए नोट जारी करने के लिए सरकार को आरबीआई एक्ट की धारा 24 (1) के तहत नोटिफिकेशन करना अनिवार्य है। याचिका में कहा गया है कि सरकार का दो हजार के नोट को जारी करना असंवैधानिक है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के विरोध में और एटीएम से पैसे निकालने मे लोगों को लेकर आ रही परेशानी को लेकर लगायी गई दो याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले ही ये मामला लंबित है और हम कुछ वक्त इंतजार करना चाहते है। हाईकोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 8 दिसंबर की तारीख तय की है।
जनहित याचिका पूनम महाजन ने दायर की है। पूनम एक शोरूम की मालकिन हैं। याचिका में उन्होंने कहा है कि आजीविका कमाना उनका मौलिक अधिकार है। केंद्र सरकार के 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले से उनका काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
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याचिका मे ये भी मांग की गई है कि अगर खुद सरकार पेट्रोल पंप, केंद्रीय भंडार जैसी जगहों पर 500 और 1000 के नोट ले रही है तो फिर सरकार खुद काले धन को लोगों से खुद स्वीकार कर रही है। अगर सरकार 8 नवंबर की घोषणा के बाद जब खुद ये नोट ले सकती है तो फिर इसे बाकी जगहों पर भी (प्राइवेट सेक्टर) चलाने की इजाजत सरकार को आम लोगों की देनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने बैंको को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि ATM खुल रहे हैं और लोग पैसे निकाल सकते हैं लेकिन बैंको ने ATM को ताला लगा रखा है। याचिका मे आरबीआई एक्ट की धारा 24 (2) के तहत सरकार ने नए नोटों को जारी करने का नोटिफिकेशन जारी किया है, जो असंवैधानिक है। इस धारा के तहत सिर्फ सरकार नोटबंदी का फैसला ले सकती है, नए नोट जारी करने का नहीं।
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नए नोट जारी करने के लिए सरकार को आरबीआई एक्ट की धारा 24 (1) के तहत नोटिफिकेशन करना अनिवार्य है। याचिका में कहा गया है कि सरकार का दो हजार के नोट को जारी करना असंवैधानिक है, क्योंकि ये सीधे तौर पर आरबीआई एक्ट का उल्लंघन है।
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