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    दिल्ली हाइकोर्ट ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली ट्राई की याचिका पर लगाई रोक, कहा रोक न लगाई तो अपूरणीय क्षति होगी

    एक मोबाइल उपयोगकर्ता के फोन टैपिंग मामले में जानकारी एकत्रित कर सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) द्वारा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दिए गए निर्देश को बरकरार रखने के एकल पीठ के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है

    By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 10 Aug 2021 03:32 PM (IST)
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    एकल पीठ ने सूचना उपलब्ध कराने के सीआइसी के फैसले को रखा था बरकरार

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक मोबाइल उपयोगकर्ता के फोन टैपिंग मामले में जानकारी एकत्रित कर सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) द्वारा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दिए गए निर्देश को बरकरार रखने के एकल पीठ के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली ट्राई की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला ट्राई के पक्ष में है और अगर आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो अपूरणीय क्षति होगी।

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    अदालत ने अंतिम जिरह के लिए सुनवाई 13 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। ट्राई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता मनीषा धीर ने दलील दी कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत गृह मंत्रालय की मंजूरी पर होने वाली फोन टैपिंग और निगरानी के संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है और ऐसी कोई भी जानकारी संबंधित सेवा प्रदाता को देनी होगी। मोबाइल फोन उपयोगकर्ता कबीर शंकर बोस की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता कनिका सिंघल ने कहा कि सूचना का अधिकार के तहत उन्होंने जानकारी मांगी थी कि क्या उनका फोन टैप किया जा रहा है।

    सीआइसी ने 12 सितंबर 2018 काो ट्राई को दूरसंचार कंपनी से जानकारी प्राप्त कर बोस को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। इस आदेश को ट्राई ने चुनौती दी थी और 20 नवंबर 2018 को एकल पीठ ने सीआइसी के फैसले को बरकरार रखा था। ट्राई ने अब एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है।