Delhi Demolition: महरौली की झुग्गी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने डूसिब से मांगा हलफनामा, 21 फरवरी करना होगा दाखिल
महरौली की घोसिया झुग्गी बस्ती का नाम पुर्नवासित-अधिसूचित जेजे समूहों की सूची में जोड़ने और फिर उसे हटाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ल ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महरौली की घोसिया झुग्गी बस्ती का नाम पुर्नवासित-अधिसूचित जेजे समूहों की सूची में जोड़ने और फिर उसे हटाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) से हलफनामा दाखिल करने को कहा है। निर्देश दिया है कि हलफनामे में ऐसा करने का कारण स्पष्ट किया जाए और इसे 21 फरवरी तक दाखिल किया जाए।
साथ ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को भी इस तारीख तक अपना हलफनामा दायर करने का समय दिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को भी एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।
महरौली की घोसिया झुग्गी बस्ती के निवासियों ने याचिका दायर की है। इस झुग्गी को भी हटाया जाना था। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने डूसिब से कहा कि यह लोगों के 400 घरों से जुड़ा मामला है। आपको मुझे कारण बताना होगा कि आपने इसे सूची से क्यों बाहर किया। आपने पहले इसे शामिल किया और फिर इसे सूची से हटा दिया।
पीठ ने कहा कि 400 झुग्गियों के संबंध में यथास्थिति कायम रखने का अधिकारियों को निर्देश देने वाला उसका अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख यानी 28 फरवरी तक बरकरार रहेगा। सुनवाई के दौरान डूसिब के वकील ने कहा कि बस्ती पहले सूची में थी, लेकिन अब उसे हटा दिया है। डीडीए के वकील ने साइट की गूगल तस्वीरों के साथ हलफनामा दायर करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया, जो उन्हें प्रदान किया गया है।

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