Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    75 हजार छात्रों को चश्मे की जरूरत, हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एमसीडी को भेजा नोटिस

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 08:59 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी स्कूलों के छात्रों को चश्मे उपलब्ध कराने की याचिका पर दिल्ली सरकार और एमसीडी से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार से स्कूल स्वास्थ्य योजना पर विचार करने का आग्रह किया है क्योंकि लगभग 5% छात्रों को चश्मे की आवश्यकता है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में करीब 75 हजार छात्रों को चश्मों की जरूरत है।

    Hero Image
    स्कूलों में बच्चों को चश्मा उपलब्ध कराने की मांग, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को चश्मा उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग को लेकर गैर सरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व एमसीडी से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार व एमसीडी को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 19 नवंबर तक के लिए तय कर दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुदृढ़ योजना बनाने का अनुरोध

    सरकारी स्कूलों के लगभग पांच प्रतिशत छात्रों को चश्मे की आवश्यकता के तथ्य को देखते हुए पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि सरकार से अपनी स्कूल स्वास्थ्य योजना पर विचार करने की जरूरत है। साथ ही अदालत ने एक नई और सुदृढ़ योजना बनाने का अनुरोध किया।

    संगठन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को नि:शुल्क चश्मा उपलब्ध कराने के संबंध में दिल्ली सरकार व एमसडी के समक्ष कई प्रतिवेदन दिए गए, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में चिकित्सा जांच से लेकर चश्मा उपलब्ध कराने में देरी की जाती है।

    75 हजार छात्रों को चश्मे की आवश्यकता

    याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार के सचिव (शिक्षा) को पत्र लिखकर बताया गया कि प्रेम नगर स्थित जीएसकेवी/जीएसबीवी स्कूल में 3000 में से 163 छात्रों (5.4 प्रतिशत) को चश्मे की आवश्यकता है। वहीं, अनुमानित आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में लगभग 75 हजार छात्रों को चश्मे की आवश्यकता है।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली HC ने कहा– दहेज उत्पीड़न के झूठे मामलों पर रोक जरूरी; 498A के दुरुपयोग पर दिखाई सख्ती