Umar Khalid Case: दिल्ली दंगा मामले में उमर खालिद जेल से बाहर आएगा या नहीं? दिल्ली HC ने फैसला सुरक्षित रखा
दिल्ली दंगा से जुड़े साजिश रचने के मामले में एक महीने से अधिक समय तक चली लंबी सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली दंगा (Delhi Riots) से जुड़े साजिश रचने के मामले में एक महीने से अधिक समय तक चली लंबी सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) की जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया। जमानत देने से इन्कार करने के निचली अदालत के फैसले को खालिद ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने दिल्ली पुलिस और उमर खालिद के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रखा। फरवरी 2020 में दंगों के पीछे साजिश से संबंधित यूएपीए मामले में गिरफ्तार किया गया था। उमर खालिद के अलावा शरजील इमाम ने भी जमानत देने से इन्कार करने के फैसले को चुनौती दी है।
CAA, NRC के विरोध के दौरान दिए गए भाषण का मामला
अभियोजन पक्ष ने जहां फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए, CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी, NRC) के विरोध में अमरावती में खालिद द्वारा दिए गए भाषण को देशविरोधी बताया था। वहीं, खालिद के अधिवक्ता ने पहले कहा था कि केवल एक वाट्सएप ग्रुप की सदस्यता उनके मुवक्किल को आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं बना सकती है।