PFI के पूर्व प्रमुख एरापुंगल अबुबकर को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, जमानत याचिका पर विचार करने से किया इन्कार
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व प्रमुख एरापुंगल अबुबकर को झटका दिया है। कोर्ट ने अबुबकर की जमानत याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया है। जमानत के मामले पर पहले निचली अदालत सुनवाई करेगी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व प्रमुख और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआई) के संस्थापक अध्यक्ष एरापुंगल अबुबकर की जमानत याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने (Delhi High Court) बृहस्पतिवार को इन्कार कर दिया है।
निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट में कर सकते हैं अपील
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) मामले में जमानत के मामले पर पहले निचली अदालत ही सुनवाई करेगी, इसके निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अक्षय मलिक ने भी प्रारंभिक आपत्ति जताई।
पेश हुए और याचिका की स्थिरता पर प्रारंभिक आपत्ति उठाई।मलिक ने कहा कि एनआइए अधिनियम और यूएपीए के तहत याचिकाकर्ताओं को पहले निचली अदालत जाना होगा और वहां के निर्णय के विरुद्ध याची हाई कोर्ट में अपील कर सकता है।
NIA ने आबुबकर को 22 सितंबर को किया था गिरफ्तार
आबुबकर को एनआइए ने 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था और उस पर यूएपीए के प्रविधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।वह छह अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में है।आबुबकर ने याचिका में कहा गया है कि वह हाई-ब्लडप्रेशर, मधुमेह समेत कई बीमारियों से पीड़ित है और वर्ष 2019 से विशेष कैंसर अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है।
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