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    देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर क्यों नहीं की कार्रवाई: हाई कोर्ट

    ट्विटर समेत विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म पर हिंदू देवी-देवताओं से जुड़ी आपत्तिजनक पोस्ट को हटाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए ट्विटर को कटखड़े में खड़ा किया। अक्टूबर में कोर्ट ने आपत्तिजनक सामग्री को अपने प्लेटफार्म से हटाने का ट्विटर को निर्देश दिया था।

    By Vineet TripathiEdited By: Mangal YadavUpdated: Mon, 28 Mar 2022 06:25 PM (IST)
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    देवी-देवताओं से जुड़े आपत्तिजनक पोस्ट सामग्री को हटाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने की टिप्पणी

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ट्विटर समेत विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म पर हिंदू देवी-देवताओं से जुड़ी आपत्तिजनक पोस्ट को हटाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए ट्विटर को कटखड़े में खड़ा किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति विपिन सांघी की पीठ ने सवाल उठाया कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का खाता निलंबित कर दिया गया था तो फिर हिंदू देवी-देवताओं से जुड़े आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले खातों को निलंबित करने की कार्रवाई ट्विटर क्यों नहीं कर रहा है।

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    याचिकाकर्ता आदित्य सिंह देशवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि माइक्रो-ब्लागिंग प्लेटफार्म ने ट्विटर किसी पोस्ट या सूचना के को संवेदनशील समझने पर ही उस पर कार्रवाई करता है न की अन्य लोगों द्वारा ऐसा महसूस करने पर।पीठ ने कहा कि आप ट्विटर संवेदनशील महसूस करेंगे तो आप ब्लाक कर देंगे, लेकिन अन्य जातियों व धर्म के लोगों की शिकायत पर आप संवेदनशील महसूस नहीं करते हैं। लेकिन, अगर यही दूसरे धर्मों के खिलाफ किया जाता तो आप ज्यादा गंभीर होते।

    उक्त टिप्पणी करते हुए पीठ ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वह किसी का खाता स्थायी तौर पर निलंबित करने से जुड़ी अपनी नीति की व्याख्या करते हुए जवाब दाखिल करें। साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि एक जवाबी हलफनामा दायर करें। साथ ही यह भी कहा कि किसी खाते या सूचना तक पहुंच को अवरुद्ध करने से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया को रिकार्ड पर पेश करें।

    अक्टूबर माह में हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आपत्तिजनक सामग्री को अपने प्लेटफार्म से हटाने का ट्विटर को निर्देश दिया था।अदालत ने कहा था कि मीडिया प्लेटफार्म को आम जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि ये आम लोगों से ही व्यापार कर रहे हैं।याचिकाकर्ता आदित्य सिंह देसवाल ने कहा कि उन्होंने @AtheistRepublic नाम के एक उपयोगकर्ता के हैंडल पर मां काली के बारे में कुछ बेहद आपत्तिजनक पोस्ट देखी थी।उक्त टिप्पणी में मां काली को अपमानजनक तरीके से दर्शाया गया है।

    उन्होंने कहा कि इस संबंध में ट्विटर के शिकायत अधिकारी को सूचित भी किया कि उक्त सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) अधिनियम 2021 के तहत उल्लंघन है।हालांकि, ट्विटर ने यह कहते हुए उनकी शिकायत को रद कर दिया था कि सामग्री उस श्रेणी की नहीं है जिसके तहत कार्रवाई की जा सके या इसे हटाया जा सके।