Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त आदेश, नो-एंट्री परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदनों की जांच हो अनिवार्य

    Updated: Thu, 29 May 2025 07:29 AM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने वाहनों के नो-एंट्री परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदनों की जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि आवेदनों के साथ लगे दस्तावेजों का ठीक से सत्यापन हो। कोर्ट ने अधिकारियों को दिल्ली में वाहनों को प्रवेश परमिट जारी करने से पहले आवेदनों और दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया। याचिका में नो-एंट्री परमिट के दुरुपयोग की बात कही गई।

    Hero Image
    नो-एंट्री परमिट के लिए आनलाइन आवेदनों की होनी चाहिए जांच- हाई कोर्ट

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया कि वाहनों को जारी किए गए नो-एंट्री परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदनों की जांच की जानी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि ऐसे आवेदनों के साथ संलग्न दस्तावेजों का उचित तरीके से सत्यापन किया जाना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अधिकारी पर की जाए अनुशासनात्मक कार्रवाई

    कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को दिल्ली में वाहनों को प्रवेश परमिट जारी करने का निर्णय लेने से पहले ऐसे आवेदनों और दस्तावेजों का सत्यापन करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उक्त निर्देशों के साथ निशांत गुलाटी द्वारा दायर एक जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।

    नो एंट्री परमिट का हो रहा दुरुपयोग

    याचिका में कहा गया कि आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए नो-एंट्री समय के दौरान दिल्ली में चलने वाले परिवहन वाहनों को नो-एंट्री परमिट जारी किए जाते हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता आदित्य कादयान ने सड़क सुरक्षा के संबंध में तीन बिंदुओं को उठाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में परिवहन माफिया का बोलबाला है और वाहनों को जारी किए गए नो एंट्री परमिट का दुरुपयोग हो रहा है।

    सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस द्वारा 21 मार्च 2025 को जारी एक स्थायी आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत यातायात नियमों के उल्लंघन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने और दलालों व अन्य बेईमान तत्वों के गठजोड़ की पहचान करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

    वाहनों पर लगे स्टिकर नष्ट करने का प्रविधा

    यह भी कहा कि उक्त आदेश के तहत ऐसे वाहनों के खिलाफ समय समय पर विशेष अभियान चलाने और उल्लंघनकर्ताओं पर मुकदमा चलाते समय वाहनों पर लगे स्टिकर नष्ट करने का प्रविधान है।

    उक्त तथ्यों को देखते हुए पीठ ने कहा कि 21 मार्च को जारी स्थायी आदेश के प्रभावी कार्यान्वयन की जरूरत है। ऐसे में निर्देश दिया जाता है कि आदेश में जारी सभी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और किसी भी उल्लंघन को अधिकारियों द्वारा गंभीरता से लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि नियमों का अनुपालन करने पर गलती करने वाले अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।