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    यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली महिला कर्मचारी को बहाल करे साहित्य अकादमी: हाई कोर्ट

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने साहित्य अकादमी की एक महिला कर्मचारी को बहाल करने का आदेश दिया है जिसे यौन उत्पीड़न की शिकायत के कारण निलंबित किया गया था। अदालत ने निलंबन को प्रतिशोधपूर्ण बताते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने अकादमी की आलोचना करते हुए कहा कि संस्थान सुरक्षित माहौल बनाने में विफल रहा। महिला को पूरा वेतन और लाभ देने का आदेश दिया गया है।

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    यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली महिला कर्मचारी को बहाल करे साहित्य अकादमी: हाई कोर्ट

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने साहित्य अकादमी की एक महिला कर्मचारी को बहाल करने का आदेश दिया है, जिसे अकादमी के सचिव के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के कारण फरवरी 2020 में निलंबित कर दिया गया था।

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    न्यायमूर्ति संजीव नरुला ने महिला के खिलाफ यह कार्रवाई प्रतिशोधपूर्ण और पाश अधिनियम 2013 का उल्लंघन करार देते हुए इसे रद कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला प्रशासनिक विवेक का दुरुपयोग है, जहां महिला की शिकायत को दबाने के लिए उसे नौकरी से हटाया गया।

    न्यायमूर्ति नरुला ने अकादमी की आलोचना करते हुए कहा कि संस्थान ने अपने अधिकारी के पक्ष में खड़े होकर सुरक्षित और पारदर्शी कार्यस्थल सुनिश्चित करने में विफलता दिखाई। कोर्ट ने महिला को पद पर बहाल करने, उसकी सेवा में निरंतरता बनाए रखने, पूरा वेतन और अन्य लाभ देने का आदेश दिया।

    महिला को 2018 में प्रोबेशन पर नियुक्त किया गया था। उसने सचिव पर लगातार उत्पीड़न, यौन संकेत और नौकरी से निकालने की धमकी देने का आरोप लगाया। नवंबर 2019 में उसने अकादमी के कार्यकारी बोर्ड को शिकायत भेजी, जिसे आंतरिक शिकायत समिति (आइसीसी) को भेजा गया। उसी माह महिला ने पाश अधिनियम के तहत स्थानीय शिकायत समिति (एलसीसी) में औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई।

    एलसीसी ने प्रारंभिक तौर पर मामला स्थापित पाया और तीन माह की भुगतान सहित छुट्टी दी। लेकिन जनवरी 2020 में आइसीसी ने एकतरफा रिपोर्ट जारी कर जांच बंद कर दी। इसके बाद अकादमी ने महिला की प्रोबेशन समाप्त कर दी।

    हाईकोर्ट ने कहा कि सचिव पाश अधिनियम के तहत नियोक्ता की श्रेणी में आते हैं और इसलिए शिकायत एलसीसी के पास ही लंबित रहनी चाहिए थी। कोर्ट ने आइसीसी की रिपोर्ट को रद करते हुए एलसीसी को महिला की यौन उत्पीड़न शिकायत आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।